राशन विभाग में भ्रष्टाचार का वीडियो वायरल, व्हिसल व्लोअर को जान का खतरा

-जन-सुनवाई पोर्टल पर शिकायत के बाद गाजियाबाद पुलिस जागी लेकिन अभी तक व्हिसल व्लोअर को नहीं मिली सुरक्षा

गाजियाबाद। राशन विभाग में भष्ट्राचार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में राशन दुकानों के आवंटन में किए गए फर्जीवाड़े के पुख्ता सबूत हैं। वीडियो में दिख रहा है कि नियमों को ताक पर रखकर राशन की दुकानों का अपात्र व्यक्तियों को आवंटन हुआ है और शासनादेश की धज्जियां उड़ाते हुए लॉटरी कराई गई है। वीडियो वायरल होने के बाद से जहां राशन विभाग एवं जिला प्रशासन में हड़कंप मचा है, वहीं व्हिसल व्लोअर को जान का खतरा पैदा हो गया है। व्हिसल व्लोअर द्वारा लगातार पुलिस सुरक्षा की मांग की गई है लेकिन पुलिस ने अभी तक सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई है। मामले को उजागर करने वाले व्हिसल व्लोअर द्वारा जब पूरे प्रकरण और खुद की जान के खतरे को लेकर शिकायत की गई तब पुलिस हरकत में आती दिख रही है लेकिन अभी भी व्हिसल व्लोअर डरा हुआ है।

विदित हो कि जिला पूर्ति कार्यालय गाजियाबाद में पूर्ति लिपिक के पद पर तैनात सचिन कुमार ने पूर्व में गाजियाबाद में राशन की दुकानों के आवंटन में हुए भ्रष्टाचार का खुलासा किया था। सचिन कुमार ने जनपद में राशन माफियाओं और अपात्र राशन विक्रेताओं के सगे-संबंधियों को शासनादेश के विपरित जाकर गलत ढंग से राशन दुकानों के आवंटन की सूचना सबूतों के साथ डीजी विजिलेंस, यूपी पुलिस, मुख्य सचिव उप्र और उप्र के मुख्यमंत्री को दी थी। मामला राशन माफिया और राशन घोटाले से जुड़ा होने के कारण व्हिसल व्लोअर द्वारा खुद की जान को खतरा बताते हुए गत 17 फरवरी 2022 एवं 23 फरवरी 2022 को गोपनीय पत्र भेजकर पुलिस सुरक्षा की मांग की गई थी। सचिन कुमार का कहना है कि अभी तक उन्हें कोई सुरक्षा नहीं मिली है। जबकि मेरी जान पर खतरा बना हुआ है।

वायरल वीडियो को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया

उधर, इस मामले में लोकल एलआईयू द्वारा 22 मार्च 2022 को सचिन कुमार से सुरक्षा के फार्म भरवाए गए लेकिन कोई सुरक्षा नहीं मिलने के कारण वह डरे-सहमे हुए हैं। इसी बीच राशन घोटाला एवं अपात्र व्यक्तियों को दुकानें आवंटन करने से संबंधित एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में राशन विभाग और प्रशासनिक अधिकारी नियमों को ताक पर रखकर राशन की दुकानों की लॉटरी निकालते नजर आ रहे हैं। राशन दुकानों के आवंटन में उप्र सरकार के शासनादेश संख्या-7/2019/1359/29-6-2019-162सा/2001 का स्पष्ट उल्लंघन होता दिखाई दे रहा है। शासनादेश की धारा-6 (5) के मुताबिक राशन दुकानों का लॉटरी किसी तटस्थ व्यक्ति द्वारा निकाला जाना था लेकिन अधिकारियों ने स्वयं ही पर्ची चुनकर लॉटरी संपन्न होने की घोषणा कर दी। शासनादेश की धारा-4 (8), (9) के मुताबिक जिस किसी व्यक्ति के खिलाफ कोई अपराधिक मामला दर्ज है उसे, उसके रिश्तेदार या किसी आश्रित को दुकानें आवंटित नहीं की जानी थीं। गाजियाबाद राशन विभाग द्वारा इस आदेश की भी धज्जियां उड़ाई गईं। राशन घोटाले के तार माफिया और रसूखदार लोगों से जुड़े होने के कारण व्हिसल व्लोअर सचिन कुमार को लगातार डर सता रहा है। सचिन कुमार ने व्हिसल व्लोअर कानून के तहत जल्द सुरक्षा उपलब्ध कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर प्रार्थना पत्र दिया है। अब देखना यह है कि इस मामले में पुलिस-प्रशासन किस तरह से कार्रवाई करता है।