81 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट पर लेट-लतीफी की मार, बाधाएं दूर नहीं, रेल मंत्री ने 9 राज्यों के सीएम को लिखा खत

उदय भूमि ब्यूरो
नई दिल्ली। 81 हजार करोड़ रुपए की डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना गति नहीं पकड़ सकी है। विभिन्न अड़चनों के कारण यह परियोजना पिछड़ रही है। ऐसे में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने 9 मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है। इन मुख्यमंत्रियों से परियोजना से जुड़ी बाधाओं को दूर करने का आग्रह किया गया है। पत्र में भूमि संबंधी मुद्दों, ग्रामीणों की मांगों और राज्य के अफसरों द्वारा धीमी गति से काम करने का मामला उठाया गया है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, पंजाब, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और झारखंड के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर काफी समय से लंबित मुद्दा बना है। रेलवे बोर्डके अध्यक्ष वीके यादव के अनुसार वर्तमान में 2 डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर निर्माणाधीन हैं। पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर उत्तर प्रदेश से मुंबई तक और पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर लुधियाना (पंजाब) से दानकुनी (पश्चिम बंगाल) तक प्रस्तावित है। इन कॉरिडोर का काम अगले साल दिसम्बर तक पूरा किया जाना था, मगर अब इस तिथि को छह माह आगे तक बढ़ा दिया गया है। कोरोना वायरस से काम में व्यवधान के कारण देरी हुई। रेल मंत्री ने विशेष रूप से उप्र के मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत हस्तक्षेप कर उनके राज्य में उत्पन्न बाधाओं को दूर करने का आग्रह किया है। उत्तर प्रदेश में डीएफसी का दायरा एक हजार किलोमीटर से अधिक है। पत्र में रेल मंत्री ने यह भी कहा है कि प्रधानमंत्री ने परियोजना की प्रगति की बारीकी से निगरानी की है। बताया गया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा व्यक्त चिंताओं के बाद रेल मंत्री को यह पत्र लिखना पड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना को लेकर काफी गंभीर हैं।