ब्राह्मण सेवक तरुण मिश्र ने नेपाल के उप-राष्ट्रपति रामसहाय प्रसाद यादव से की मुलाकात

-नेपाल को फिर से हिंदू हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग, नेपाल एक हिंदू अधिराज्य

उदय भूमि संवाददाता
काठमांडू। अगर कुछ देशों को इस्लामिक राष्ट्र, ईसाई राष्ट्र घोषित किया जा सकता है और लोकतांत्रिक व्यवस्था भी कायम रह सकती है तो नेपाल को हिंदू लोकतांत्रिक देश घोषित क्यों नहीं किया जा सकता। उक्त बातें चार दिवसीय दौरे पर नेपाल पहुंचे अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री सह दधिमथी गौ सेवा नेपाल के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं ब्राह्मण सेवक तरुण मिश्र ने अपने दौरे के दुसरे दिन शुक्रवार को नेपाल के उप-राष्ट्रपति रामसहाय प्रसाद यादव से उप-राष्ट्रपति भवन में हिंदू राष्ट्र पर हुई वार्ता के दौरान कहीं। उन्होंने कहा नेपाल में राजशाही खत्म होने के बाद संवैधानिक व्यवस्था की नींव पडऩे के साथ ही नेपाल एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के तौर पर स्थापित हुआ। इससे पहले राजशाही के दौरान साल 2008 तक नेपाल एक हिंदू राष्ट्र हुआ करता था। नेपाल में अस्सी प्रतिशत से ज्यादा हिंदू आबादी रहती है। नेपाल की एक पुरानी संस्कृति है। सनातन से नेपाल एक हिंदू अधिराज्य है।

नेपाल में हिंदू राजा हुआ था, वो दौर सब के लिए बेहतर था। इसलिए हमारा मानना है कि नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहिए। हमारी मुल्क की पहचान पूरे विश्व में इसी रूप में है। नेपाल हमेशा से स्वतंत्र रहा है। यह पहले हिंदू राष्ट्र था, जिसे फिर से हिंदू राष्ट्र बनाने पर सरकार को मंथन करना चाहिए और सभी दलों को भी इसमें सहयोग देना चाहिए। उन्होंने कहा अखिल भारतीय पिछले वर्ष 15 व 16 अगस्त को हुई कार्यकारिणी बैठक में भी एक प्रस्ताव पास किया था जिसमें नेपाल को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए। हिंदू राष्ट्र को नेपाल को जो गौरव प्राप्त हुआ था, वह फिर से ले लेना चाहिए। वहीं नेपाल में पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए भी सरकार को आगे आना चाहिए। क्योंकि पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए कई देशों से दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते है।

मगर महंगे होटल के चलते यहां रुक पाना मुश्किल हो जाता है। इसलिए सरकार को धर्मशाला का निर्माण करना चाहिए। जिससे श्रद्धालु दर्शन के उपरांत यहां विश्राम कर सकें। तरुण मिश्र से हुई वार्ता के उपरांत उप-राष्ट्रपति रामसहाय प्रसाद यादव ने कहा हम सभी धर्मों को बराबरी का दर्जा देते है। मगर पूर्व की विरासत को पुन: स्थापित करने के लिए जल्द ही सरकार के मंत्रियों से वार्ता की जाएगी और पशुपतिनाथ मंदिर दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी जल्द ही धर्मशाला के निर्माण को लेकर वार्ता कर बनाने का काम किया जाएगा।