अंतरिक्ष को कचरा मुक्त बनाने में अह्म भूमिका निभाएगा इंडिया

नई दिल्ली। धरती के बाद अंतरिक्ष में भी कूड़ा-कचरा गंभीर समस्या बन गया है। अंतरिक्ष में कचरे का दबाव निरंतर बढ़ रहा है। इससे बड़ी चिंता को बढ़ावा मिला है। कचरे का निस्तारण न होने पर कई समस्याएं सामने आने की संभावना है। अंतरिक्ष में कचरे की गंभीर समस्या से निपटने के लिए अब भारत ने भी कदम उठाया है। भारत भी इस समस्या से पार पाने के लिए कार्रवाई करने को तैयार है। अंतरिक्ष में कचरे के रूप में कई वस्तुएं मंडरा रही हैं। कचरे को हटाने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक जुटे हैं। इसी क्रम में भारतीय अनुसंधानकर्ता ने भी इस दिशा में अपना कदम बढ़ा दिया है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो अंतरिक्ष में जमा मलबे को हटाने के लिए आवश्यक अनुसंधान वर्क कर रहा है। भारत के पास एक सौ तीन अंतरिक्ष यान थे, जिनमें सक्रिय और निष्क्रिय उपग्रह भी शामिल हैं। इसके अलावा एक सौ चौदह अंतरिक्ष मलबा वस्तुएं थीं, जिनमें पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले रॉकेट पिंड भी शामिल थे। देश के कुल दो सौ सत्रह अंतरिक्ष पिंड पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं। भारत के पास पृथ्वी की कक्षा में एक सौ तीन सक्रिय या निष्क्रिय अंतरिक्ष यान और एक सौ चौदह पिंड हैं, जिन्हें अंतरिक्ष मलबे के रूप में वर्गीकृत किया गया है और इसने बाह्य क्षेत्र से ऐसे मलबे को कम करने के लिए एक अनुसंधान शुरू किया है।

अंतरिक्ष मलबे की वृद्धि को रोकने के लिए सक्रिय मलबा हटाना (एडीआर) अंतरिक्ष मलबा अनुसंधान समुदाय द्वारा सुझाए गए सक्रिय तरीकों में से एक है। एडीआर काफी जटिल तकनीक है और इसमें नीति और कानूनी मुद्दे शामिल हैं। विभिन्न देशों द्वारा प्रौद्योगिकी प्रदर्शन अध्ययन किए गए हैं। एडीआर ने आवश्यक प्रौद्योगिकियों को अंतिम रूप देने के मकसद से अध्ययन शुरू किए हैं। इसरो के एक शीर्ष अधिकारी ने पिछले साल एक प्रौद्योगिकी सम्मेलन में कहा था कि अंतरिक्ष एजेंसी अंतरिक्ष मलबे को कम करने के उपायों के तहत भविष्य की प्रौद्योगिकियों जैसे कि खुद नष्ट होने वाले रॉकेट और गायब होने वाले उपग्रहों पर काम कर रही है।

अमेरिका के पास चार हजार से ज्यादा अंतरिक्ष यान (सक्रिय और निष्क्रिय) और पांच हजार से ज्यादा वस्तुएं हैं, जिन्हें पृथ्वी की कक्षा में अंतरिक्ष मलबे के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। चीन के पास पांच सौ से अधिक अंतरिक्ष यान, सक्रिय और निष्क्रिय तथा साढ़े तीन हजार से अधिक वस्तुएं हैं, जो पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं। इसरो ने अंतरिक्ष मलबे से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए अपने मुख्यालय में अंतरिक्ष जागरुकता निदेशालय और प्रबंधन तंत्र भी स्थापित किया है।