स्वरा भास्कर को राहत, अवमानना केस चलाने की मंजूरी नहीं

उदय भूमि ब्यूरो

नई दिल्ली। श्री राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद प्रकरण में ट्विटर पर बयानबाजी करने पर फंसी बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर को बड़ी राहत मिल गई है। अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने स्वरा के खिलाफ अवमानना का केस चलाने की सहमति देने से मना कर दिया है। अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि ये ट्वीट सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देकर तथ्यात्मक प्रतीत होता है। यह संस्था पर हमला नहीं है। आरोप है कि अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने देश की शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक और निंदनीय बयान दिए थे। इसके बाद भास्कर पर अवमानना की कार्रवाई की मांग की गई थी। इस संदर्भ में उषा शेट्टी ने याचिका दायर की थी। उषा शेट्टी ने अब सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से सहमति मांगी है। सनद रहे कि कोर्ट की अवमानना कानून-1971 की धारा-15 के तहत किसी नागरिक के खिलाफ अवमानना कार्रवाई आरंभ करने हेतु या तो अटॉर्नी जनरल अथवा सॉलिसीटर जनरल की सहमति जरूरी होती है। वकील महक माहेश्वरी ने बताया कि मुंबई कलेक्टिव द्वारा आयोजित पैनल चर्चा में इस साल एक फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के संदर्भ में दिए गए बयान को लेकर स्वरा भास्कर के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई शुरू करने के मकसद से याचिका डाली गई है। बता दें कि अभिनेत्री स्वरा भास्कर का विवादों से पुराना नाता रहा है। वह अक्सर केंद्र सरकार के विरोध में भी बयानबाजी करती रहती हैं। सीएए के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में चले आंदोलन का भी स्वरा ने समर्थन किया था। ट्विटर पर उन्हें कई बार ट्रोल्स का शिकार होना पड़ता है।