ड्रैगन की नहीं गली दाल, भारत ने पीछे हटने का प्रस्ताव नकारा

-चीन की चालबाजी पर पैनी निगाहें, बॉर्डर पर इंडिया सख्त

उदय भूमि ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत के साथ सीमा विवाद को निपटाने में चीन कतई गंभीर नजर नहीं आ रहा। नीयत में खोट होने के कारण वह ऐसे प्रस्ताव रख रहा है, जिसे मानना भारत के लिए संभव नहीं है। सुझबुझ का परिचय देकर भारत ने पड़ोसी देश के नए प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया है। यह प्रपोजल पूर्वी लद्दाख में फिंगर क्षेत्र से समान दूरी पर पीछे हटने का था। दोनों देशों के मध्य पिछले तीन माह से ज्यादा समय से सीमा विवाद चल रहा है। चीन जान-बुझकर भारत की मुश्किलें बढ़ाने पर आमादा है। ड्रैगन की चालबाजी पर भारत की पैनी निगाहें हैं। चीन की मंशा को भांपकर भारतीय पक्ष सीमा पर लंबे समय तक मुस्तैद रहने की पूरी तैयारी कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि चीनी पक्ष ने सुझाव दिया था कि भारत और चीन दोनों को फिंगर-4 क्षेत्र से समान दूरी पर वापस हटना चाहिए। भारतीय पक्ष ने यह सुझाव खारिज कर दिया है। वर्तमान में पीएलए के जवान पैगोंग त्सो झील के पास फिंगर-5 के आसपास हैं। चीन ने फिंगर-5 से 8 तक पांच किलोमीटर से ज्यादा की दूरी पर बड़ी संख्या में सैनिकों और उपकरणों को तैनात कर रखा है। इससे आगे पहले से चीनी बेस मौजूद हैं। भारतीय पक्ष ने अपना रूख साफ कर दिया है कि चीनी सेना को फिंगर क्षेत्र से पूरी तरह से पीछे हटना चाहिए और अपने वास्तविक स्थान (पहले के स्थान) पर वापस जाना चाहिए। ड्रैगन ने फिंगर क्षेत्र में भी निर्माण किया है। भारतीय क्षेत्र फिंगर-8 तक फैला है। भारतीय पक्ष इस बात पर कायम है कि चीन को पहले विघटन करना होगा। बाद में दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख और देपसांग मैदान, दौलत बेग ओल्डी क्षेत्रों से विघटन पर बात कर सकते हैं।