जबाव : चीन की दादागिरी पर बिफरा अमेरिका

क्वाड देशों के लिए ड्रैगन बड़ा खतरा : पोम्पिओ

नई दिल्ली। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की दादागिरी रूक नहीं पाई है। एलएसी के पास वह सैनिकों का जमावड़ा कर भारत पर दबाव बनाने की हरसंभव कोशिश कर रहा है। ऐसे में अमेरिकी ने एक बार फिर ड्रैगन की धींगामुश्ती पर एतराज जताया है। अमेरिकी विदेशी मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा है कि चीन ने भारत के नजदीक एलएसी पर 60 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात कर रखे हैं। भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के क्वाड पर बीजिंग की टिप्पणी पर भी अमेरिकी विदेशी मंत्री ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि क्वाड देशों के खिलाफ चीन का बर्ताव अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत की उत्तरी सीमा पर 60 हजार से अधिक चीनी सैनिक तैनात किए गए हैं। पोम्पिओ ने कहा कि वह भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के विदेश मंत्री के समकक्षों के साथ थे, जिसे क्वाड नाम दिया गया है। इसमें 4 बड़े लोकतंत्र, 4 शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाएं और 4 राष्ट्र हैं। प्रत्येक देश को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से खतरा है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने गत 6 अक्तूबर को टोक्यो में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी। इस दरम्यान इंडो-पैसिफिक रीजन और दुनियाभर में शांति, समृद्धि और सुरक्षा हेतु मिल-जुलकर काम करने की जरूरत पर जोर दिया गया। माइक पोम्पिओ ने जयशंकर के साथ इस मुलाकात को फायदेमंद बताया। उन्होंने कहा कि पश्चिम ने लंबे समय तक चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को खुद पर हावी होने दिया। पूर्ववर्ती प्रशासन ने घुटने टेक दिए। इससे चीन को हमारी बौद्धिक संपदा को चोरी करने तथा उसके साथ जुड़ी लाखों नौकरियों को कब्जाने का मौका मिला। पोम्पिओ ने कहा कि क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों के साथ बैठकों में समझ और नीतियां विकसित होना शुरू हुई हैं। इसके जरिए यह देश उनके समक्ष चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा पेश खतरों का एकजुट होकर विरोध कर सकते हैं। इस लड़ाई में निश्चित रूप से उन्हें अच्छे साझेदार के रूप में अमेरिका की जरूरत है।