सुप्रीम कोर्ट का फरमान, हटेंगी 48 हजार झुग्गी-झोपडिय़ां

-रेल पटरियों के आस-पास नहीं होगा अतिक्रमण

उदय भूमि ब्यूरो
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में रेल पटरियों के आस-पास अब झुग्गी-झोपडिय़ां नजर नहीं आएंगी। सुप्रीम कोर्ट ने 48 हजार से ज्यादा झुग्गी-झोपडिय़ों को हटाने का आदेश दिया है। राजनीतिक दलों को भी इस काम में बाधा न डालने की नसीहत दी गई है। रेल पटरियों के आस-पास से झुग्गी-झोपडिय़ां हटाकर वहां की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाएगा। शीर्ष अदालत एम.सी. मेहता के मामले में सुनवाई कर यह आदेश दिया है। याचिका में कहा गया था कि वर्ष 1985 के बाद से दिल्ली और आस-पास प्रदूषण से संबंधित मुद्दों पर कोर्ट समय-समय पर आदेश जारी करता रहता है। इंडियन रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया था कि दिल्ली-एनसीआर में एक सौ चालीस किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन के साथ अतिक्रमण है। रेलवे पटरियों के पास 48 हजार झुग्गी- झोपडिय़ां हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा है कि 3 माह के भीतर सभी झुग्गियों को हटवा दिया जाए। साथ कोई भी अदालत इस मामले पर स्थगनादेश नहीं दे। रेलवे लाइन के नजदीक अतिक्रमण के संबंध में यदि कोई कोर्ट अंतरिम आदेश जारी करती है तो वह प्रभावी नहीं होगा। शीर्ष अदालत ने राजनीतिक दलों से भी इस मामले से दूर रहने को कहा है। बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर करीब दो साल पहले इन झुग्गी-झोपडिय़ों को हटाने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स गठित की गई थी, मगर राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण कार्रवाई नहीं हो सकी थी। रेल पटरियों के आस-पास अतिक्रमण की वजह से अक्सर हादसे भी होते रहते हैं। साथ ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस विकट समस्या का निदान होने की प्रबल संभावना है।