मशहूर अभिनेता मनोज वाजपेयी के पिता का निधन

ब्राह्मण महासभा के महामंत्री तरुण मिश्र ने भी व्यक्त की शोक संवेदना

नई दिल्ली। मशहूर अभिनेता मनोज वाजपेयी के पिता का निधन हो गया है। वह काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे। दिल्ली के एक अस्पताल में उपचार के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। देश की नामचीन हस्तियों ने वाजपेयी के पिता के निधन पर शोक जाहिर किया है। इसी क्रम में अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण मिश्र ने भी वाजपेयी परिवार को दुख की इस घड़ी में ढांढस बंधाई है। उन्होंने शोक संतृप्त परिवार के प्रति संवेदना जाहिर की है।

हिंदी सिनेमा के मशहूर अभिनेता मनोज वाजपेयी के सिर से पिता का साया उठ गया है। उनके पिता रमाकांत वाजपेयी (85) का निधन हो गया है। वयोवद्ध रमाकांत वाजपेयी काफी समय से बीमार चल रहे थे। इसके चलते उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां वरिष्ठ डॉक्टरों की देख-रेख में उनका इलाज चल रहा था। रमाकांत वाजपेयी के निधन से फिल्म इंडस्ट्री में भी शोक की लहर दौड़ गई। विभिन्न नामचीन हस्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। वहीं, वाजपेयी परिवार के करीबी तरुण मिश्र ने भी अपनी शोक संवेदना जाहिर की हैं। अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के महामंत्री तरुण मिश्र को जैसे ही रमाकांत वाजपेयी के निधन की खबर मिली, उन्होंने तुरंत मनोज वाजपेयी को फोन कर ढांढस बंधाया।

इसके अलावा मनोज वाजपेयी के 2 भाइयों से भी फोन पर बात कर शोक संवेदना का इजहार किया। दरअसल तरुण मिश्र के वाजपेयी परिवार से करीब 30 साल पुराने संबंध हैं। दोनों परिवार एक-दूसरे के सुख-दुख में हमेशा शरीक होते रहे हैं। तरुण मिश्र ने पिछले दिनों दिल्ली पहुंच कर रमाकांत वाजपेयी का हाल-चाल भी जाना था। उस समय उन्होंने मनोज वाजपेयी से मुलाकात की थी। तरुण मिश्र ने दुख की इस घड़ी में पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

पिता रमाकांत वाजपेयर की तबीयत खराब होने की जानकारी मिलने पर मनोज वाजपेयी कुछ दिनों पहले केरल में शूटिंग छोड़कर दिल्ली आ गए थे। उस समय वह केरल में अपने अगले प्रोजेक्ट की शूटिंग कर रहे थे। मनोज वाजपेयी के पिता राधाकांत वाजपेयी किसान थे। बताया जाता है कि बेटे की तमाम बड़ी सफलताओं और स्टारडम से पिता पर जरा भी फर्क नहीं पड़ा था। वह अपने आखिरी दिनों में बेहद सादगी पूर्ण तरीके से जिंदगी जीते रहे। मनोज वाजपेयी के पिता बिहार में अपने पुश्तैनी घर में ही रहते थे।