आराध्या फाउंडेशन ने 350 शिक्षकों को किया सम्मानित

-शिक्षक ही हैं राष्ट्र जो बच्चों के भविष्य का करता है निर्माण: मनीष गुप्ता
-शिक्षक का समाज के निर्माण में विशेष योगदान: बीएल दूबे

ग्रेटर नोएडा। समाज में शिक्षक का पद अतिमहत्वपूर्ण होता है। यह समाज के लोगों में शिक्षा की ज्योति जलाकर एक उत्कृष्ट मानव तैयार करता है। हर शिक्षक चाहता है कि उसका छात्र उच्च शिक्षित बने ताकि शिक्षक का सपना पूरा हो सके। शिक्षकों का स्थान हमारे समाज में ऊंचा है। शिक्षक ही हमारे बच्चों के भविष्य एवं राष्ट्र के निर्माता हैं। शिक्षकों के बिना समाज राष्ट्र के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। उक्त बातें गुरुवार को आराध्य फाउंडेशन एक एहसास मेरठ के चेयरमैन मनीष गुप्ता ने नोएडा स्थित मंथन स्कूल के ऑडिटोरियम में लगभग 350 प्रिंसिपल, डायरेक्टर्स और टीचर्स को सम्मानित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा देश में गुरू शिष्य परंपरा को फिर से स्थापित करना होगा। जिससे बच्चों के बेहतर सफल भविष्य के निर्माण शिक्षक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। समाज देश के निर्माण में शिक्षकों का योगदान महत्वपूर्ण है। गुरुओं का जितना सम्मान किया जाए वह कम होगा।

नोएडा सेक्टर 1 में स्थित सीएल एम पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या रीना गुप्ता को डायरेक्टर के पद से सम्मानित किया गया। प्रोग्राम के मुख्य अतिथि डॉक्टर बीएल दूबे और विशिष्ट अतिथि अमृता चौधरी जिला व्यायाम प्रशिक्षक/जिला युवा कल्याण अधिकारी (अतिरिक्त प्रभार) गौतमबुद्धनगर, डॉक्टर आनंद कुमार सिंह गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी, डॉ. नीरज कुमार शर्मा प्रोफेसर, ग्रेटर नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, ग्रेटर नोएडा, वंदना, सायरा बानो, सतवीर कुमार, वंदना जैन मधु सभी ने कार्यक्रम में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। मुख्य अतिथि डॉक्टर बीएल दूबे ने कहा शिक्षक का समाज के निर्माण में विशेष योगदान होता है। इसलिए समाज का भी दायित्व बनता है कि शिक्षक को उनके विशिष्ट कार्य के लिए सम्मानित करे। शिक्षक की भूमिका बच्चों के उज्जवल भविष्य को तरासने और सवारने का कार्य करती है। शिक्षक के द्वारा दिए गए ज्ञान से बच्चे अपनी जिन्दगी में कामयाम होते है।

शिक्षकों का उद्देश्य सिर्फ शिक्षा देना ही नहीं, बल्कि समाज में स्थापित बुराईयों को दूर कर उनका व्यक्तिव निर्माण करना भी है। आराध्या फाउंडेशन के अध्यक्ष मिस्टर मनीष गुप्ता और ग्रेटर नोएडा की डायरेक्टर रीना गुप्ता ने शिक्षकों शिक्षा को बढ़ावा देते हुए 350 शिक्षकों को अवार्ड से सम्मानित किया। डायरेक्टर रीना गुप्ता ने कहा शिक्षक अपने ज्ञान और अनुभव से बच्चों में अच्छे संस्कार डालते है, जिससे वे अनुशासन के साथ जीवन के संघर्ष को प्राप्त शिक्षा से सरल बनाने की कला सीखते हैं। हालाकि बच्चों के जन्म के बाद प्रथम गुरू माता-पिता ही होते है, जो घर पर बच्चों में व्यवहारिक ज्ञान, संस्कार डालते हैं। लेकिन गुरू का स्थान माता-पिता के बढ़कर होता है।