मोटोजीपी रेस में हुआ खेल भाजपा विधायक ने लगाये गंभीर आरोप

जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने मुख्य सचिव से की कपनी को दिये गये पैसे की आॅडिट कराने की मांग

उदय भूमि संवाददाता

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट में पिछले वर्ष हुए भारतीय मोटो जीपी रेस को लेकर अब विवाद शुरू हो गया है। भाजपा विधायक धीरेंद्र सिंह ने रेस की आयोजक कंपनी द्वारा वित्तीय अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए सरकार से मिले फंड का आॅडिट कराने की मांग की है। विधायक का आरोप है कि आयोजक ने रेस आयोजन के लिए सरकार से कई प्रकार का लाभ लिया लेकिन उसने उस पैसे को खर्च नहीं किया। आयोजकों ने जिन वेंडरों से इवेंट के दौरान काम कराया उनका भुगतान भी नहीं किया। विधायक का आरोप है कि मोटोजीपी इवेंट से निवेश सहित कई तरह के फायदे होने की बात कही गई थी। लेकिन ऐसा कोई लाभ प्राप्त नहीं हुआ।

जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने आरोपों के समर्थन में कई डॉक्यमेंट्स शिकायती पत्र के साथ यूपी के चीफ सेक्रेटरी और यमुना प्राधिकरण के सीईओ को भेजा है। धीरेन्द्र सिंह का आरोप है कि बुद्धा इंटरनेशनल सर्किट पर मोटो जीपी बाइक रेस में जिन लोगों ने अपनी सेवाएं दी हैं, उन लोगों का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। मोटो जीपी बाइक रेसिंग करवाने वाली कंपनी द्वारा काम करने वाले कॉट्रैक्टरों के उपकरण भी जब्त कर लिये गये। 12 मार्च 2024 को विधायक द्वारा भेजे गये पत्र में कई शिकायतकर्ताओं की शिकायती पत्र का हवाला देते हुए कहा गया है कि 24 सितंबर 2023 को बुद्धा इंटरनेशनल सर्किट पर मोटो जीपी रेसिंग बाइक हुई थी उसके आयोजकों ने कई प्रकार से हेराफेरी की है। विधायक ने बताया कि संभल जिले के गुन्नौर निवासी योगेंद्र यादव पुत्र वीर सिंह ने मोटो जीपी रेसिंग बाइक से पहले काम किया था, लेकिन उसका पेमेंट अभी तक नहीं किया गया है। इनका सामान गैर कानूनी तरीके से अपने पास रख लिया है। इस दौरान लाए गए उपकरण को बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। जिससे वह ठगा सा महसूस कर रहा है। वह मानसिक क्षति झेल रहा है। नोएडा के सेक्टर-34 में रहने वाले विवेक कुमार सिंह और देवेंद्र सिंह का कहना है कि मोटो जीपी बाइक के दौरान उन्होंने आरसीसी की डायमंड कटिंग का कार्य किया था। अपनी पूरी क्षमता के अनुसार काम किया, लेकिन उपकरण अभी तक नहीं दिया गया है।

आरोप लगाया है कि पुष्कर नाथ श्रीवास्तव फेयर स्ट्रीट स्पोर्ट्स कंपनी के सीईओ हैं। गैर कानूनी तरीके से सामान रख लिया है। अनेकों बार मोबाइल पर बात की। व्यक्तिगत रूप से आॅफिस जाकर निवेदन किया। उपकरणों को बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। जिससे आर्थिक और मानसिक क्षति झेलनी पड़ रही है। रेस के आयोजन के लिए यमुना प्राधिकरण द्वारा 18 करोड़ रुपये आयोजक कंपनी को दिए गये थे। विधायक ने इसकी आॅडिट कराने की मांग उठाई है।