यमुना प्राधिकरण के चार भ्रष्ट अधिकारियों पर सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने किया वज्रपात फर्जी तरीके से कंप्लीशन सर्टिफिकेट देने के मामले में 4 मैनेजर होंगे सस्पेंड, सीईओ ने शासन को भेजी रिपोर्ट

भ्रष्टाचार में संलिप्त यमुना प्राधिकरण के 4 मैनेजर सस्पेंड होंगे। सीइओ ने जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है। चारों मैनेजर को जेपी इंटीग्रेटेड स्पोर्ट्स सिटी के बीटल लैप प्रोजेक्ट का गलत ढ़ंग से कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी करने का दोषी पाया गया है। चारों मैनेजर प्राधिकरण के अलग-अलग विभाग से संबंधित हैं और आरोप हैं कि कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी करते समय सभी नियमों को ताक पर रख दिया गया। प्रारंभिक दृष्या ही कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी करने में कई तरह की अनियमितताएं की पुष्टि हुई है।

विजय मिश्रा (उदय भूमि ब्यूरो)
ग्रेटर नोएडा। भ्रष्टाचार के दीमक को खत्म करने के लिए सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने यमुना प्राधिकरण में बड़ी कार्रवाई की है। भ्रष्टाचार में संलिप्त यमुना प्राधिकरण के 4 मैनेजर सस्पेंड होंगे। सीइओ ने जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है। चारों मैनेजर को जेपी इंटीग्रेटेड स्पोर्ट्स सिटी के बीटल लैप प्रोजेक्ट का गलत ढ़ंग से कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी करने का दोषी पाया गया है। चारों मैनेजर प्राधिकरण के अलग-अलग विभाग से संबंधित हैं और आरोप हैं कि कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी करते समय सभी नियमों को ताक पर रख दिया गया। प्रारंभिक दृष्या ही कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी करने में कई तरह की अनियमितताएं की पुष्टि हुई है। उधर, बीटल लैप परियोजना के लिए नियमों के विपरीत जारी किए गए कंप्लीशन सर्टिफिकेट को रद्द कर दिया गया है। बिल्डर द्वारा परियोजना में सभी जरूरी सुविधाएं विकसित करने और काम पूरा करने के बाद ही कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। डॉ. अरुणवीर सिंह की सख्त कार्रवाई से प्राधिकरण के भ्रष्ट अधिकारियों में हड़ंकंप मचा हुआ है। सीईओ ने अधिकारियों को कड़ी चेतावनी जारी करते हुए भ्रष्टाचार के मामलों में जीरो टोलरेंस की बात कही है।

यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे प्राइम लोकेशन पर सेक्टर-25 में जेपी स्पोर्ट्स सिटी है। जेपी र्स्पोट्स सिटी में जेपी ग्रुप द्वारा जमीन कई अलग-अलग बिल्डरों को बेची गई है। इसी सेक्टर में बिल्डर मैसर्स रॉयल होम टाउन प्लानर्स प्रालि को 3.64 हेक्टेयर जमीन बेची गई। बिल्डर ने वर्ष 2014 में बीटल लैप नाम से यहां ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट लांच किया। बिल्डर ने यहां चार टॉवर बनाये। दो चरणों में कंपनी बीटल लैप नाम से हाउसिंग प्रोजेक्ट डेवलप कर रही है। इस हाउसिंग प्रोजेक्ट में दो और तीन बेडरूम के फ्लैट बनाए गए हैं। परियोजना में बिल्डर के 305 फ्लैट बिक चुके हैं और इनमें से 135 फ्लैट की रजिस्ट्री भी हो चुकी है। बिल्डर ने आवंटियों को दिसंबर 2019 तक सभी आवंटियों को फ्लैट पर कब्जा देने का वादा किया था।

परियोजना के टॉवर ए और सी में 224 और टॉवर बी और डी में 236 फ्लैट हैं। बिल्डर ने परियोजना में आवंटियों के साथ धोखा किया। टॉवर तो बना दिये गये लेकिन बिल्डर ने इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। मौके पर जरूरी सुविधाएं विकसित नहीं की गई। इधर बिल्डर ने एक और चालाकी करते हुए बिना प्रोजेक्ट का काम पूरा किये यमुना प्राधिकरण से कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी करा लिया।  बीटल लैप फ्लैट बायर एसोसिएशन ने यमुना प्राधिकरण में बिल्डर की इस फर्जीवाड़े की शिकायत की। मामला संज्ञान में आते ही यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने पूरे प्रकरण की जांच एसीईओ मोनिका रानी को सौंपी।

जांच टीम ने पत्रावलियों की जांच के साथ साइट पर जाकर भी सत्यता की जांच की। जांच में कई खामियां मिली। जांच रिपोर्ट के मुताबिक बीटल लैप प्रोजेक्ट के टॉवर ए और सी के लिए 27 मार्च 2019 को आंशिक पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया गया था। जबकि टॉवर बी और डी के लिए 26 जुलाई 2020 को पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। जांच रिपोर्ट के मुताबिक प्राधिकरण द्वारा कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी करने को लेकर गठित समिति के अधिकारियों ने बिल्डर के साथ सांठ-गांठ करके रिपोर्ट तैयार की। कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी करने वाली समिति में नियोजन, उद्यान, बिजली और परियोजना विभाग के अधिकारी शामिल थे। समिति ने बिल्डर की सभी कमियों पर आंख मूंद ली और प्रोजेक्ट में काफी कमियों होने के बावजूद कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी कर दिया।

जांच में कंप्लीशन सर्टिफिकेट को लेकर भी संदेह जारी किया है। बीटल लैप प्रोजेक्ट के टॉवर बी और डी के लिए 6 नवंबर 2020 को अस्थाई सीसी जारी हुआ। इस प्रमाण पत्र में नाम एवं हस्ताक्षर के स्थान को लेकर कई संदेह जताया गया है। रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी करते समय घोर अनियमितताएं बरती गई हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने कंप्लीशन सर्टिफिकेट निरस्त कर दिया है और गलत तरीके से कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी करने के मामले में शामिल नियोजन, उद्यान, बिजली और परियोजना विभाग के अधिकारियों को निलंबित करने के लिए शासन को सिफारिश भेजी है।