ठेकेदार ब्लैक लिस्ट, जमानत राशि जब्त, यमुना प्राधिकरण ने की कार्रवाई

ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने के साथ ही जमानत राशि जब्त कर ली गई है। ठेकेदार पर यमुना एक्सप्रेस-वे विकास प्राधिकरण द्वारा कराए जा रहे काम को लेकर लापरवाही बरतने का आरोप है। प्राधिकरण द्वारा ठेकेदार को बार-बार चेतावनी दी गई, लेकिन उसके बाद भी काम पूरा कराने को लेकर ठेकेदार ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। जिसके बाद प्राधिकरण के डीजीएम एके सिंह ने ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई की। दरअसल प्राधिकरण द्वारा काम की गुणवत्ता और समयबद्धता को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बर्दाश्त की जा रही है।

ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट समय से पूरा न होने पर सख्त रूख अपनाया है। ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर जमानत राशि भी जब्त कर ली गई है। बार-बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद ठेकेदार ने प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में दिलचस्पी नहीं दिखाई दी। कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता को लेकर यमुना प्राधिकरण खासा गंभीर है। इसके चलते वह किसी प्रकार की लापरवाही को बरदाश्त नहीं कर रहा है।

सेक्टर-22 डी में कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स में अंडरग्राउंड वाटर रिजर्व (यूजीआर) का निर्माण कराया जाना था। इस कार्य की लागत 70 लाख रुपए से अधिक है। इसके मद्देनजर यमुना प्राधिकरण ने मैसर्स आर.के. इंजीनियर्स डेल्टा-1 ग्रेटर नोएडा को कार्य करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। ठेकेदार फर्म ने विगत 11 अक्तूबर 2019 को यह कार्य आरंभ कर दिया था। गुणवत्ता पूर्ण तरीके से 10 मई 2020 तक यह कार्य पूर्ण किया जाना था, मगर इस अवधि में ठेकेदार ने सिर्फ फुटिंग एवं प्लींथ तक कॉलम का  काम ही किया। ऐसे में यमुना प्राधिकरण ने 2 जून 2020, 31 अगस्त 2020 और 24 फरवरी 2021 को नोटिस भेजकर ठेकेदार को चेतावनी दी।

यमुना प्राधिकरण के उप-महाप्रबंधक (परि.) एके सिंह ने नोटिस में शेष निर्माण कार्य को पूर्ण करने पर जोर दिया। ठेकेदार को 27 लाख रुपए से ज्यादा का भुगतान भी कर दिया गया था। बार-बार नोटिस देने के बाद भी काम पूरा न होने पर अब ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर जमानत राशि को जब्त कर लिया गया है। अगले 3 साल तक यह फर्म यमुना प्राधिकरण में काम नहीं कर सकेगी। यमुना प्राधिकरण के उप-महाप्रबंधक (परि.) एके सिंह प्रस्तावित कार्यों को समय से गुणवत्ता पूर्ण ढंग से संपन्न कराने को लेकर गंभीर हैं। ऐसे में वह जानबूझकर की गई किसी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं कर रहे है। पूर्व में भी यमुना प्राधिकरण द्वारा लापरवाह ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। ऐसे में हालिया कार्रवाई एक तरह से सख्त चेतावनी है।