e-waste – समस्या निपटाने को नोएडा प्राधिकरण गंभीर

नोएडा। नोएडा प्राधिकरण शहर में e-waste का समुचित निस्तारण कराने के लिए काफी गंभीर नजर आ रहा है। बढ़ता e-waste समय के साथ अनेक परेशानियां उत्पन्न कर रहा है। इसके लिए निजी कंपनी के चयन की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। चयनित कंपनी को ई-वेस्ट निस्तारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।

स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत शहर को साफ-सुथरा और खूबसूरत बनाने के लिए हरसंभव कोशिशें हो रही हैं। इस बीच बढ़ता e-waste चिंता का कारण बन रहा है। इस समस्या से निपटने को नोएडा प्राधिकरण ठोस कदम उठाने की तरफ अग्रसर है। ई-वेस्ट के निदान कराने का जिम्मा किसी निजी कंपनी को सौंपा जाना है। संबंधित कंपनी के चयन के लिए कदम आगे बढ़ाए गए हैं। संभवत: सितम्बर-अक्तूबर से यह काम आरंभ हो जाएगा। कलेक्शन सेंटर अथवा आरडब्ल्यूए द्वारा फोन करने के 72 घंटे बाद भी यदि e-waste नहीं उठाया जाता तो कंपनी पर जुर्माना लेगा। शहर में ज्यादातर आईटी कंपनियों से ई-वेस्ट निकलता है। घरेलू वेस्ट का प्रतिशत बेहद कम है।

वर्तमान में e-waste का निपटान गुरुग्राम या कंपनियों में स्थापित छोटे प्लांट से होता है। ई-वेस्ट को अक्सर बाहर खुले में फेंक दिया जाता है। यह बारिश के पानी के साथ मिलकर आर्सेनिक जैसे खतरनाक अम्ल बनाता है। इसके संपर्क में आने से खासा नुकसान होने का खतरा रहता है। ऐसे में नोएडा प्राधिकरण सावधानी के साथ ई-वेस्ट का कलेक्शन, परिवहन व निस्तारण कराना चाहता है। इसके लिए कंपनी का चयन किया जाएगा। चयनित कंपनी शहर के आवासीय, औद्योगिक, व्यावसायिक एवं संस्थागत सेक्टरों से e-waste को एकत्र करेगी। इसके लिए इन सेक्टरों में कलेक्शन सेंटर भी बनाए जाएंगे। कलेक्शन सेंटर के लिए लीज पर भूमि दी जाएगी। छोटे ई-वेस्ट जैसे मोबाइल, लैपटॉप आदि को बंद बॉक्स में ले जाने की व्यवस्था होगी।