मेयर को आया गुस्सा, स्वास्थ्य अधिकारी को लापरवाही पर लगाई फटकार

मेयर के साथ कई जनप्रतिनिधियों का जलभराव के बाद फूटा गुस्सा, पार्षद ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर स्वास्थ्य अधिकारी को बताया महाभ्रष्ट

गाजियाबाद। रविवार सुबह हुई तेज बारिश के बाद शहर में विभिन्न स्थानों एवं सड़कों पर हुए जलभराव के बाद लोगों को जहां निकलने में परेशानी हुई। वहीं नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली की भी पोल खुल गई। जनता की शिकायत पर निरीक्षण पर निकली मेयर आशा शर्मा जलभराव की स्थिति देखकर भड़क गई और अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। वहीं जलभराव की स्थिति देखकर जनप्रतिनिधियों ने भी आक्रोश जाहिर किया है। एक पार्षद ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर नगर स्वास्थ अधिकारी डॉ मिथिलेश की कार्यशैली पर पर सवाल उठाते हुए उन्हें महाभ्रष्ट बताया है।

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रविवार सुबह तेज बारिश के बाद शहरवासियों ने कई जगह जलभराव की शिकायत की। मेयर आशा शर्मा जब स्वयं निरीक्षण करने पहुंची तो उन्होंने लोगों की शिकायतों को सही पाया। इसके बाद मेयर भी अपना गुस्सा रोक नहीं पाई और उन्होंने नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश कुमार की कार्यशैली पर प्रश्न उठाते हुए उन्हें सुधर जाने की नसीहत दी। मेयर ने ब्रिज विहार, सौर ऊर्जा मार्ग, मेरठ रोड औद्योगिक क्षेत्र, पुराना बस अड्डा, आंबेडकर रोड, राजेंद्रनगर साहिबाबाद क्षेत्र पहुंच कर जलभराव की स्थिति का जायजा लिया। जगह-जगह जलभराव देखकर मेयर का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। निगम अधिकारियों को तत्काल जल निकासी के लिए प्रबंध करने के निर्देश दिए।
सबसे ज्यादा जल भराव की स्थिति बृज विहार में देखने को मिली। लोगों में जल भराव की समस्या को लेकर काफी आक्रोश था। जल निकासी में बृज विहार की पुलिया, कंट्रीन होटल की पुलिया, टाइम्स ऑफ इंडिया की पुलिया एवं अन्य पुलिया नीची पड़ रही है। जिस कारण पुलिया बन्द हो जाती है और नाले का पानी ओवर फ्लो होकर कॉलोनी में भर जाता है। जिसके लिए मेयर ने यूपीएसआईडीसी के आरएम को फोन कर पुलिया का निरीक्षण कराकर उन्हें ऊंचा करने के निर्देश दिए, जिससे बरसात के दिनों में जलभराव की स्थिति न बन सकें।

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नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने भी नगर स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिया था कि जहां पर नालो में जाली लगी है, वहां पर लगातार कर्मचारियों से सफाई कराया जाए जिससे कि जाली ब्लॉक न हो और जल भराव भी न हो पाए।

लेकिन नगर स्वास्थ्य अधिकारी पर इन आदेश निर्देशों का कोई असर नहीं दिखा। नाले बारिश के पानी के साथ गंदगी से अटा हुआ मिला। मेयर ने कहा कि नालों की सफाई होने के बाद भी जलभराव हुआ है। इस मामले में नालों की सफाई से संबंधित जानकारी ली जाएगी। दरअसल नाले की सफाई स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचार के खेल का महत्वपूर्ण हिस्सा है। भ्रष्टाचार के लिए बदनाम स्वास्थ्य विभाग में अधिकारी फर्जी तरीके से करोड़ों रुपए का तेल भी पी जा रहे थे। नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तवर ने तेल के खेल पर हंटर चलाया। ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी नाले सफाई में ही खेल करके अपनी जेब भरना चाह रहे हैं। नाले नालियों में जाल इसलिए लगाए गए थे कि नियमित रूप से इसकी सफाई होती रहेगी जिससे बरसात में जलभराव की समस्या उत्पन्न नहीं होगी। लेकिन जाल की जानबूझकर सफाई नहीं कराई जाती है और वहां गंदगी डलवाया जाता है जिससे कि जाल लगाने की योजना को गलत साबित किया जाए और फिर से नाले की सफाई का पुराना खेल शुरू हो जाए।

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पार्षद ने लगाया आरोप
नगर निगम पार्षद आरिफ मलिक ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो और मैसेज पोस्ट कर आरोप लगाया है कि सबसे ज्यादा भ्रष्ट स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हैं। हर वर्ष  जल निकासी के लिए लाखों रूपए खर्च किए जाते है, लेकिन उसके बाद भी जलभराव की समस्या से जनता को निजात नही मिल पा रही है।