एयरपोर्ट प्रोजेक्ट से प्रभावित परिवारों को मिलेंगे भूखंड

प्रभावितों को जेवर बांगर में शिफ्ट करने की तैयारी

ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर परियोजना में पुनर्स्थापन एवं पुनर्व्यवस्थापन में अब ज्यादा देरी नहीं होगी। परियोजना से प्रभावित परिवारों को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शीघ्र आरंभ कर दी जाएगी। जेवर बांगर में 238 परिवारों के लिए भूखंड चिन्हित कर लिए गए हैं। 6 मार्च तक भूखंडों का कब्जा प्रशासन को दे दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर के प्रथम चरण में 1334 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। पहले चरण में 2 रनवे का निर्माण होना है। परियोजना के पहले चरण से 3627 परिवार प्रभावित होंगे। इन परिवारों को जेवर बांगर में शिफ्ट किया जाना है। यह कार्य जिला प्रशासन को करना है। जेवर बांगर में प्रस्तावित विकास कार्यों को पूर्ण करने को उप्र शासन ने यमुना विकास प्राधिकरण को नोडल एजेंसी बनाया है। यमुना प्राधिकरण ने जेवर बांगर में तेजी से काम आरंभ कर दिया है। वहां पर नाली, सड़क, सीवर, पेयजल व विद्युत लाइन समेत तमाम जरूरी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। जेवर एयरपोर्ट का जहां पर पहले रनवे बनना है, वहां पर 238 परिवार आ रहे हैं। ये परिवार नगला छीतर और नगला गणेशी के हैं। इन परिवारों को शिफ्ट करने के लिए जेवर बांगर में काम चल रहा है। यमुना विकास प्राधिकरण ने 240 भूखंड विकसित कर दिए हैं। वहां पर सभी आवश्यक सुविधाएं विकसित कर दी गई हैं। 6 मार्च को इन भूखंडों का कब्जा प्रशासन को दे दिया जाएगा। प्रशासन इसके बाद इन परिवारों को ये भूखंड आवंटित करेगा। भूखंड आवंटन के लिए समिति बनेगी। यह समिति भूखंडों के नंबर आवंटित करेगी। नंबरों का आवंटन ड्रा के जरिए होने की उम्मीद है। जिला प्रशासन इन्हें भूखंड देगा और किसान खुद निर्माण करेंगे। जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने जेवर बांगर में जारी विकास कार्यों का मंगलवार को निरीक्षण किया था। मौके पर जाकर उन्होंने काम को देखा और उस पर संतुष्टि जताई। डीएम ने काम को और तेजी के साथ पूरा करने के लिए कहा ताकि प्रभावित परिवारों को यहां पर जल्द से जल्द बसाया जा सके। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह ने बताया कि जेवर में विकास कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास चल रहा है। उम्मीद है कि अप्रैल तक सभी विकास कार्य पूरे करा लिए जाएंगे। विकास कार्य पूर्ण होने के बाद प्रशासन को भूखंडों पर कब्जा दे दिया जाएगा ताकि पुनर्स्थापन एवं पुनर्वस्थापन का काम समय पर पूरा किया जा सके।