ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बनेगा समस्या मुक्त प्राधिकरण CEO रवि कुमार एनजी ने तैयार किया फुलप्रूफ प्लान बकाया वसूली के साथ नई स्कीम पर रहेगा जोर

समस्या ग्रस्त ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को समस्या मुक्त प्राधिकरण बनाने को लेकर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) रवि कुमार एनजी द्वारा विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है। सीईओ की प्लानिंग है कि समस्याओं और शिकायतों के निस्तारण के साथ-साथ प्राधिकरण को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जाये। आर्थिक रूप से संपन्न होने पर विकास से संबंधित योजनाओं पर तेजी से काम किया जा सकेगा। लैंडबैंक का डेटा तैयार कराकर प्राधिकरण की मौजूदा स्थिति और भविष्य की योजनाओं की प्लानिंग की जाएगी। उद्यमियों को अनुकूल माहौल मिले जिससे कि वह जल्द से जल्द औद्योगिक ईकाईयां स्थापित करें इसको लेकर काम किया जा रहा है। जमीन आवंटन से संबंधित विवादों को हल करने की दिशा में कई कदम उठाये गये हैं। प्राधिकरण क्षेत्र में औद्योगिक निवेश बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है।

विजय मिश्रा (उदय भूमि ब्यूरो)
ग्रेटर नोएडा। समस्या ग्रस्त ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को समस्या मुक्त प्राधिकरण बनाने को लेकर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) रवि कुमार एनजी द्वारा विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है। सीईओ की प्लानिंग है कि समस्याओं और शिकायतों के निस्तारण के साथ-साथ प्राधिकरण को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जाये। आर्थिक रूप से संपन्न होने पर विकास से संबंधित योजनाओं पर तेजी से काम किया जा सकेगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास संसाधनों की कमी नहीं है बस जरूरत इस बात की है कि मजबूत इच्छाशक्ति के साथ ठोस प्लानिंग के तहत योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जाये। सीईओ ने अपनी इस इच्छाशक्ति और कार्य योजना से प्राधिकरण के अधिकारियों को अवगत करा दिया है। अधिकारी को इसी के अनुरूप कार्य संस्कृति अपनाने की भी सलाह दी गई है। सलाह पर अमल नहीं करने, काम में अड़ंगा लगाने और काम को लेकर लापरवाह रूख अख्तियार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का हंटर भी चलेगा।

एक समय ऐसा था ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की गिनती उत्तर प्रदेश के अति समृद्ध औद्योगिक विकास प्राधिकरण में होती थी। लेकिन वक्त के साथ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अपनी विरासत को संभाल नहीं पाया। बकायेदारों से वसूली नहीं कर पाने और कर्ज के भंवर में फंसने के कारण प्राधिकरण की आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती चली गई। वर्तमान में नव नियुक्त सीईओ रवि कुमार एनजी के समक्ष किसानों और आवंटियों की समस्याओं के निस्तारण के साथ प्राधिकरण की अर्थिक स्थिति को सुधारने की भी चुनौती है। एक तरफ प्राधिकरण का बिल्डरों पर 6 से 7 हजार करोड़ रुपये बकाया है जिसकी वसूली नहीं हो पा रही है। वहीं उस पर भारी भरकम कर्ज और देनदारियां भी हैं। प्राधिकरण की आमदनी का एक बड़ा हिस्सा कर्ज का ब्याज चुकाने में चला जाता है। प्राधिकरण अधिकारियों के साथ हुई बैठक में सीईओ ने इस बात पर मंथन किया कि कैसे बकायेदारों से वसूली की जाये और विभिन्न तरीकों से प्राधिकरण की आमदनी को बढ़ाया जाये। आमदनी बढ़ाने को लेकर बकाया वसूली के साथ औद्योगिक, आवासीय और व्यवसायिक स्कीम लाने की योजना है। सीईओ का कहना है कि किसानों की समस्याओं का निस्तारण और आवंटियों के हितों के अनुरूप काम पर फोकस करने के साथ ही प्राधिकरण के आर्थिक सशक्तीकरण पर भी ध्यान दिया जा रहा है। लैंडबैंक का डेटा तैयार कराकर प्राधिकरण की मौजूदा स्थिति और भविष्य की योजनाओं की प्लानिंग की जाएगी। उद्यमियों को अनुकूल माहौल मिले जिससे कि वह जल्द से जल्द औद्योगिक ईकाईयां स्थापित करें इसको लेकर काम किया जा रहा है। जमीन आवंटन से संबंधित विवादों को हल करने की दिशा में कई कदम उठाये गये हैं। प्राधिकरण क्षेत्र में औद्योगिक निवेश बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के लिए बनेंगी एक समान पॉलिसी

जनपद गौतम बुद्ध नगर के तीनों प्राधिकरण की नीतियां एक जैसी बनाई जाएंगी। इन नीतियों में एकरूपता लाने के लिए काम शुरू हो गया। इससे नई योजनाओं को धरातल में उतारने में आसानी रहेगी। अगले दो महीने में इस काम को पूरा कर लिया जाएगा। शासन ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण की नीतयों में एकरूपता लाने का फैसला लिया है। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने इसको लेकर आदेश जारी किया है। कहा है कि तीनों प्राधिकरण की नीतियों में एकरूपता लाई जाए। इसके लिए कमेटी गठित की गई है। कमेटी में तीनों प्राधिकरण के अधिकारी शामिल हैं। इस कमेटी ने कामकाज शुरू कर दिया है। इसके अलावा तीनों प्राधिकरणों का मोबिलिटी प्लान भी बनाया जा रहा है। इसके लिए नोएडा प्राधिकरण के नियोजन विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया है। सार्वजनिक परिवहन, सड़क निर्माण और यातायात प्रबंधन के लिए तीनों प्राधिकरण में एक जैसी योजना बनाई जाएगी। अक्सर देखने में आता है कि एक प्राधिकरण ने सड़क बना दी और दूसरा प्राधिकरण उस सड़क को आगे नहीं बढ़ा रहा है। इससे वह परियोजना अटकी रहती है। इस प्लान के बनने से ऐसी समस्याओं से निजात मिलेगी। नोएडा के किसानों को जो सुविधाएं मिलती है, वह जनपद के दूसरे प्राधिकरणों के किसानों को अगर नहीं मिल पाती हैं तो आंदोलन शुरू हो जाता है। एक नियम बनने से ऐसी समस्याओं से निजात मिलेगी।