ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अह्म प्रोजेक्ट भरेंगे रफ्तार

केंद्र सरकार ने और जारी किए 500 करोड़ रुपए
धरातल पर उतरेंगे लॉजिस्टिक एवं वेयर हाउसिंग हब और ट्रांसपोर्ट हब

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा में प्रस्तावित लॉजिस्टिक एवं वेयर हाउसिंग हब और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब को रफ्तार मिल सकेगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने 500 करोड़ रुपए और रिलीज कर दिए हैं। इन परियोजनाओं की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो चुकी है। टेंडर प्रक्रिया पूर्ण करने को सलाहकार कंपनी को ढूंढ़ा जा रहा है। दोनों हब के विकास में लगभग 4 हजार करोड़ रुपए का खर्च आने की संभावना है। इसमें से कुछ कार्य सरकार कराएगी और कुछ कार्य पीपीपी मॉडल पर कराए जाएंगे। डीएमआईसी परियोजना के अंतर्गत लॉजिस्टिक एवं वेयर हाउसिंग हब और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब विकसित किए जाने हैं। डीएमआईसी का नाम परिवर्तित कर अब नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनआईसीडीसी) कर दिया गया है। इस पूरी परियोजना के तहत लगभग 800 एकड़ में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप विकसित की जानी है। यह कार्य इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड (आईआईटीजीएनएल) कंपनी को सौंपा गया है। एनआईसीडीसी और आईआईटीजीएनएल मिलकर लॉजिस्टिक एवं वेयर हाउसिंग हब और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब विकसित करेंगे। दोनों कंपनियों की 50-50 प्रतिशत की भागीदारी रहेगी। लॉजिस्टिक एवं वेयर हाउसिंग और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब की डीपीआर तैयार हो चुकी है। आईआईटीजीएनएल के प्रबंध निदेशक (एमडी) नरेंद्र भूषण के मुताबिक लॉजिस्टिक एवं मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब के लिए 500 करोड़ रुपये और प्राप्त हो गए हैं। इससे पहले 350 करोड़ रुपये मिले थे। अब तक इन परियोजनाओं के लिए 227 हेक्टेयर भूमि खरीदी जा चुकी है। कोरोना संक्रमण के कारण परियोजना में देरी हुई है। बोड़ाकी के नजदीक प्रस्तावित लॉजिस्टिक हब में सामान उतारने और चढ़ाने के लिए प्रबंध किए जाएंगे। रेल नेटवर्क बनाया जाएगा। इसके लिए यार्ड बनेगा। यार्ड में 16 रेल लाइन बनाकर मुख्य लाइन से जोड़ा जाएगा ताकि यार्ड तक ट्रेन पहुंच सकें। यह काम कंपनी खुद करेगी। बाकी काम पीपीपी मॉडल पर होगा। कोल्ड चेन, पैकेजिंग का काम इत्यादि के लिए प्लटेफार्म बनाए जाएंगे। वेयर हाउस भी बनाए जाएंगे ताकि सामान को स्टोर किया जा सके। उधर, आईआईटीजीएनएल के प्रबंध निदेशक नरेंद्र भूषण का कहना है कि लॉजिस्टिक एवं मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब हेतु 500 करोड़ रुपये और मिल गए हैं। टेंडर प्रक्रिया पूर्ण करने को सलाहकार कंपनी का चयन किया जा रहा है।