यमुना प्राधिकरण के 40 हजार आवंटियों की टेंशन दूर

ओटीएस लागू करने की अनुमति, नहीं भरना होगा जुर्माना

ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश शासन ने यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) की एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) को मंजूरी प्रदान कर दी है। इससे करीब 40 हजार आवंटियों को राहत मिल सकेगी। आवंटियों का जुर्माना माफ होने का रास्ता साफ हो गया है। इन आवंटियों को अब जुर्माना राशि का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। हालाकि इस योजना से ग्रुप हाउसिंग एवं बिल्डर टाउनशिप को बाहर रखा गया है। यमुना प्राधिकरण जल्द इस संबंध में आदेश जारी कर योजना को लागू कर देगा। यमुना प्राधिकरण ने वर्ष-2009 में 21 हजार आवासीय भूखंडों की योजना लॉन्च थी। तदुपरांत आवासीय, कॉमर्शियल, औद्योगिक आदि योजनाएं लॉन्च होती रही हैं। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में लगभग 40 हजार आवंटी हैं। आवंटियों की किस्तें निरंतर डिफॉल्ट होती रही हैं। डिफॉल्टरों पर जुर्माना लगाया गया है। ऐसे में आवंटी जुर्माना माफ करने के लिए ओटीएस योजना की डिमांड करते रहे हैं। यमुना प्राधिकरण ने एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) के लिए बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखा था। बोर्ड ने कहा कि इसकी अनुमति शासन से ली जाए। बोर्ड से प्रस्ताव पारित होने के बाद उसे शासन को भेज दिया गया। शासन ने 7 जुलाई को ओटीएस पर स्वीकृति प्रदान कर दी है। यमुना प्राधिकरण शीघ्र कार्यालय आदेश जारी कर ओटीएस को लागू कर देगा। इस योजना से ग्रुप हाउसिंग एवं बिल्डर टाउनशिप को बाहर रखा गया है। इससे आवंटियों को राहत मिलेगी। यमुना प्राधिकरण द्वारा योजना लागू करने पर डिफाल्टर आवंटियों को आवेदन करना होगा। ईडब्ल्यूएस भवन एवं भूखंड के स्वामियों को 100 रुपये प्रोसेसिंग फीस के साथ 5000 रुपये का भुगतान करना होगा। इसी तरह एलआईजी भवन एवं भूखंड के आवंटियों को 500 रुपये प्रोसिंस फीस के साथ 10 हजार रुपये और अन्य श्रेणी की आवासीय, मिश्रित उपयोग की संपत्तियां, दुकानों व दुकानों के भूखंड आदि के लिए 2100 रुपये प्रोसेसिंग फीस के साथ 50 हजार रुपये जमा करने होंगे। इसके अलावा संस्थागत संपत्तियों के लिए 11 हजार रुपये प्रोसेसिंग फीस और 5 लाख रुपये प्रारंभिक धनराशि जमा करनी होगी। तदुपरांत आवेदन पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। योजना के तहत प्रोसेसिंग फीस वापस नहीं होगी बल्कि यह एक प्रकार का शुल्क है। प्रारंभिक धनराशि को देयता में समायोजित कर दिया जाएगा। ओटीएस में आॅनलाइन व आॅफलाइन दोनों प्रकार से आवेदन संभव है। उप्र शासन के संयुक्त सचिव अनिल कुमार ने ओटीएस के संबंध में आदेश जारी किया है। यह आदेश सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरण के लिए है। जो औद्योगिक विकास प्राधिकरण चाहे, वह इस योजना को लागू कर सकता है। इससे आवंटियों को राहत मिल सकेगी।