आईआईए ने औद्योगिक विकास मंत्री के समक्ष रखी उद्यमियों की समस्या

ग्रेटर नोएडा। इंडियन इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) ग्रेटर नोएडा चैप्टर के बैनर तले उद्यमियों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट में यूपीसीडा की औद्योगिक भूमि ई निलामी पॉलिसी को वापिस लेने के संबध में औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को ज्ञापन सौंपा। उद्यमियों ने तीनों प्राधिकरण में भूखंडों की बिक्री की नीलामी से करने का विरोध किया। उन्होंने इस नीति को वापस करने की मांग की। सीएक्यूएम द्वारा दी गई अंतिम तिथि को आगे बढ़ाना एवं सीटीओ से संबंधित मुद्दों को प्रमुखता से उठाया गया।

चेयरमैन जितेन्द्र सिंह राणा ने बताया कि कोविड-19 के चलते पहले ही उद्यमी आर्थिंक मंदी एवं वैश्विक परिस्थितियों से जूझ रहे है। उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन (यूस डॉलर) आर्थिक विकास के उद्देश्य को प्राप्त करने में लघु उद्योगों का योगदान भी बहुत महत्वपूर्ण है। नोएडा, गे्रटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण एवं उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) का गठन राज्य में औद्योगिक विकास के लिए किया गया थज्ञ। लेकिन प्राधिकरण में कार्यरत उद्योगों को उचित मूल्य पर भूखंड देने के बजाए, वर्तमान भूखंडों की बिक्री ई-निलामी पॉलिसी पर कार्य कर रही है। जो कि औद्योगिक विकास के अनुकूल है। इससे अनावश्यक अनचाहे, अन्य व्यापारिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिल रहा है। जो लोग प्रोपट्री के इन्वेस्टर हैै, इसका लाभ उन्हें मिलेगा।

उन्होंने बताया एमएसएमई उद्योगोकं को डीजल जेनरेटर से पीएनजी चलित जेनरेटर ने परिवर्तित करने के लिए काफी निवेश करना पड़ा। उद्यमियों को निवेश में सब्सिडी एवं कुछ अतिरिक्त समय दिया जाए। ताकि उद्योगों को भी वायु प्रदूषण को कम करने में अपना योगदान दें सकें। नोएडा, गे्रटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण एवं उत्तर राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण में उद्योगों को प्रोत्साहन के लिए ओटीएस स्कीम की तर्ज पर प्रदूषण के मुद्दे पर भी इस तरह की स्कीम लागू की जाए। जिससे उद्यमियों को भी राहत मिल सकें। सीटीओ लेने के लिए शुल्क जब से उद्योग स्थापित हुआ है, तब से लेकर आज तक जमा करनी पड़ी है। इससे उद्यमियों पर अतिरिक्त भार है। जिसे वर्तमान से ही लिए जाए।

चेयरमैन ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में बैंक की कोई सुविधा नही है, जिस पर ध्यान दिया जाए। उद्यमियों को बैंक कार्य के लिए दूर जाना पड़ता है। औद्योगिक क्षेत्रों के मध्य ही उनकी सामान्य जरुरतों को लिए औजार, धातु सामाग्री, विद्युत उपयोगी सामान आदि का कोई काम्पलेक्स नही है। जिसके लिए औद्योगिक क्षेत्रों में ही इनके लिए विशेष समर्पित क्षेत्र निर्धारित होना चाहिए। मंत्री ने उद्यमियों की समस्या को सुनकर जल्द ही समस्या के निस्तारण आश्वासन दिया। इस दौरान अमित शर्मा, विपिन महाना, प्रमोद गुप्ता एवं राकेश बंसल उपस्थित रहे।