लॉजिस्टिक पार्क प्रोजेक्ट : यमुना प्राधिकरण को जल्द मिल जाएगी सर्वे रिपोर्ट

ग्रेटर नोएडा। लॉजिस्टिक पार्क को धरातल पर उतारने के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्र में लॉजिस्टिक पार्क के लिए नएस सिरे से सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे कंपनी शुक्रवार को रिपोर्ट तैयार को यमुना प्राधिकरण को सौंपेगी। सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। लॉजिस्टिक पार्क में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। टप्पल में यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे 160 हेक्टेयर में लॉजिस्टिक पार्क बनाया जाना है। विशेषज्ञ कंपनी डीलाइट को सर्वे का जिम्मा सौंपा गया था।

उधर, यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे 11104 हेक्टेयर में टप्पल-बाजना नगरीय केंद्र भी विकसित किया जाएगा। यह प्राधिकरण के दूसरे चरण में प्रस्तावित है। उत्तर प्रदेश सरकार से इसका मास्टर प्लान मंजूर हो चुका है। इसी क्षेत्र में लॉजिस्टिक हब विकसित किया जाना है। इसके लिए सलाहकार एजेंसी डिलाइट का चयन किया गया था। कंपनी ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनानी शुरू कर दी थी। इसका काफी काम हो गया था, मगर जिस भूमि पर लॉजिस्टिक पार्क विकसित होना था, वह भूमि टप्पल नगर पंचायत में चली गई। अलीगढ़ के टप्पल नगर पंचायत में टप्पल, नूरपुर, उदयपुर, मेवा नगला और मिलिक की पूरी जमीन आरक्षित कर दी गई है।

पहले यह जमीन यमुना प्राधिकरण के लॉजिस्टिक पार्क के लिए आरक्षित की गई थी। इसके चलते प्राधिकरण की योजना अटक गई। यमुना प्राधिकरण ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी और इसे वापस यमुना प्राधिकरण में शामिल करने की मांग की थी। अभी तक जमीन वापस नहीं हुई। इसके बाद यमुना प्राधिकरण लॉजिस्टिक पार्क के लिए नये सिरे से योजना बनानी शुरू कर दी है। लॉजिस्टिक पार्क के लिए चयनित एजेंसी नये सिरे सर्वे कर रही है। सर्वे का काम लगभग पूरा होने वाला है। यह सर्वे 160 हेक्टेयर के लिए हो रहा है। उम्मीद है कि शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी।

सर्वे रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। कंपनी इस बात का भी अध्ययन कर रही है कि कंपनियों के साथ अनुबंध पीरियड क्या होना चाहिए और किस तरह से यह परियोजना उपयुक्त रहेगी। यह प्रस्तावित लॉजिस्टिक पार्क यमुना एक्सप्रेसवे और जेवर एयरपोर्ट के नजदीक है। इसके अलावा लॉजिस्टिक पार्क की रेलमार्ग से जोड़ने की भी तैयारी है। फरीदाबाद-पलवल वाले कॉरिडोर को इस क्षेत्र को जोड़ा जाएगा। यह लाजिस्टिक पार्क यमुना एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ा रहेगा। यहां तक पहुंचने के लिए सड़क, हवाई व रेलमार्ग का उपयोग किया जा सकता है।

लॉजिस्टिक पार्क को विकसित करने के लिए गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए नए सिरे से सर्वे कराया गया है। सलाहकार एजेंसी जल्द अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर देगी। तदुपरांत अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. अरुणवीर सिंह
सीईओ
यमुना प्राधिकरण