मेडिकल डिवाइस पार्क: केंद्र सरकार की स्वीकृति, यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में होगा 15 हजार करोड़ का निवेश, हजारों युवाओं को मिलेगा रोजगार

मेडिकल डिवाइस पार्क को केंद्र सरकार से मिली स्वीकृति मिल गई है। यह यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में एयर पोर्ट के नजदीक प्रस्तावित है। मेडिकल सेक्टर में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने और ग्रेटर नोएडा से सटे जेवर क्षेत्र को मेडिकल हब के रूप में स्थापित करने की है योजना। केंद्र सरकार के औषध, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने 90 दिन के भीतर मेडिकल डिवाइस पार्क से संबंधित डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) देने के निर्देश दिए हैं। शनिवार को यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरूणवीर सिंह ने प्राधिकरण के अन्य अधिकारियों के साथ साइट का निरीक्षण किया। इस योजना के तहत लगभग 15000 करोड़ रुपये का निवेश होगा और हजारों युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।

विजय मिश्रा (उदय भूमि ब्यूरो)
ग्रेटर नोएडा। निवेश और रोजगार के साथ मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने वाले यमुना प्राधिकरण के मेडिकल डिवाइस पार्क को केंद्र सरकार ने सहमति दे दी है। केंद्र सरकार के औषध, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने 90 दिन के भीतर मेडिकल डिवाइस पार्क से संबंधित डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) जमा कराने कहा है। केंद्र सरकार की सहमति और डीपीआर मांगे जाने के बाद योजना को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। शनिवार को यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरूणवीर सिंह ने साइट का निरीक्षण किया। यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण क्षेत्र स्थित सेक्टर-28 में मेडिकल डिवाइस पार्क बनेगा। प्राधिकरण की इस योजना से लगभग 15000 करोड़ रुपये का निवेश होगा और हजारों युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।

एयरपोर्ट से सिर्फ 3 किलोमीटर होगी दूरी
सेक्टर-28 में बनने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क को मेडिकल मैन्यूफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित किया जाएगा। मेडिकल डिवाइस पार्क अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के साथ-साथ लोकेशन का भी विशेष ध्यान रखा गया है। जेवर में बनने जा रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से मेडिकल डिवाइस पार्क की दूरी महज 3 किलोमीटर होगा। इतना ही नहीं दादरी ड्राइपोर्ट भी यहां से नजदीक ही है। मेडिकल डिवाइस पार्क लगभग 350 एकड़ क्षेत्र में बनेगा। मेडिकल डिवाइस पार्क 0.25 एकड़, 0.50 एकड़ व 1 एकड़ के भूखंड होंगे। मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित करने में आईआईटी कानपुर और नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी भी भागीदार बनेगा। योजना के पहले चरण में 90 एकड़ क्षेत्र को पूरी तरह विकसित कर वहां निर्माण कार्य किया जाएगा।

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मेडिकल डिवाइस पार्क साइट का निरीक्षण करते यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरूणवीर सिंह।

मेक इन इंडिया को मिलेगा बढ़ावा
भारत की आजादी के 75वें अमृत महोत्सव पर्व पर आत्मनिर्भर भारत बनाने और मेक इन इंडिया अभियान को बढ़ावा देने की दिशा में यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण का यह महत्वपूर्ण प्रयास है। इस पार्क के निमार्ण से मेडिकल उपकरण में घरेलू निर्माण को बढोतरी मिलेगी तथा देश की मेडिकल उपकरण आयात पर निर्भरता में भी काफी कमी आयेगी। वर्तमान में भारत में लगभग 70 फीसदी से अधिक मेडिकल उपकरण का विदेशों से आयात किया जाता है। 60 से 70 प्रतिशत मेडिकल डिवाइस की ग्लोबल मार्केट में जॉनसन एण्ड जॉनसन, जनरल इलेक्ट्रिक कम्पनी, सिमेन्स एजी, मेडट्रोनिक्स सरीखे लगभग 20 कंपनियां हैं। ग्रेटर नोएडा में बनने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क में विश्वस्तरीय कॉमन फैसिलिटी सेन्टर भी स्थापित किया जायेगा जिसमे टेस्टिंग, क्वाल्टिी चैकिंग आदि की भी सुविधायें उपलब्ध होंगी।

मेडिकल उपकरणों की लागत में आएगी कमी
ग्रेटर नोएडा स्थित मेडिकल डिवाइस पार्क में उपकरण के निर्माण की लागत भी कम आयेगी। जिससे देश में मेडिकल उपकरण सस्ते मिलेंगे। मेडिकल डिवाइस पार्क स्थापित होने से निकट भविष्य में यहां पर उत्पादित उपकरणों को विदेशों में भी निर्यात किया जाएगा। इससे देश की इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा। एक सर्वे के अनुसार उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 46 मेडिकल कॉलेज हैं तथा 130 फार्मास्युटिकल कॉलेज हैं। मेडिकल डिवाइस पार्क में आने वाली कंपनियों को केंद्र और राज्य सरकार कई तरह की सब्सिडी देंगे। इसमें 10 वर्षों तक जीएसटी में भी छूट दी जाएगी।medical-device

16 राज्यों के प्रस्तवाओं में से हुआ यमुना प्राधिकरण के प्रस्ताव का चयन
केंद्र सरकार ने करीब एक साल पहले देश में मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने के लिए योजना निकाली थी। केंद्र की मेडिकल डिवाइस पार्क स्थापन योजना के अंतर्गत 16 राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा अपने अपने राज्यों में पार्क विकसित करने हेतु प्रस्ताव केमिकल मंत्रालय, भारत सरकार को भेजा गया था। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शासन स्तर पर विचार करने के बाद यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में मेडिकल डिवाइस पार्क स्थापना के लिए केंद्र सरकार के पास आवदेन किया। यमुना प्राधिकरण के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है और अब 90 दिनों के भीतर डीपीआर जमा कराने को कहा है।

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डॉ. अरुणवीर सिंह,
मुख्य कार्यपालक अधिकारी , यमुना प्राधिकरण

मेडिकल डिवाइस पार्क योजना को केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है और अब 90 दिनों के भीतर डीपीआर जमा कराने को कहा गया है। मेडिका डिवाइस पार्क बनने ये यहां मेडिकल उपकरण बनाने वाली कंपनियां अपना उत्पादन करेंगी। इससे देश में मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा और हम मेडिकल उपकरण बनाने की दिशा में स्वाबलंबी बनेंगे। 60 से 70 प्रतिशत मेडिकल डिवाइस की मार्केट पर 20 ग्लोबल कंपनियों का कब्जा है। भारतीय कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा और विदेशों में निर्यात बढ़ेगा। मेडिकल डिवाइस पार्क योजना में लगभग 15 हजार करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है। इससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा और क्षेत्र में आर्थिक विकास बढ़ेगा।

डॉ. अरूणवीर सिंह
सीईओ
यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण