संविधान दिवस पर अपर मुख्य अधिकारी ने दिलाई संविधान के मूल कर्तव्यों का पालन करने की शपथ

-अपने दायित्वों व समाज के प्रति कर्तव्यों का निष्ठा से करें अनुपालन: धर्मजीत त्रिपाठी

ग्रेटर नोएडा। जिला पंचायत गौतम बुद्धनगर सभागार में संविधान दिवस के अवसर पर शनिवार को अपर मुख्य अधिकारी धर्मजीत त्रिपाठी द्वारा जिला पंचायत के अधिकारियों व कर्मचारियों को शपथ दिलाई गई।
अपर मुख्य अधिकारी धर्मजीत त्रिपाठी ने कहा भारतीय संविधान संपूर्ण विश्व में शांति,समानता, स्वतंत्रता व वैश्विक लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने का संगीतमय निनाद है। हमें संवैधानिक आदर्शों व कर्तव्यों का सदैव अनुपालन करना चाहिए। क्योंकि भारतीय संविधान मानवीय दृष्टिकोण के उच्च आदर्श स्थापित करने में सक्षम सार्वभौमिक व्यवस्था है। हमें अपने दायित्वों व समाज के प्रति कर्तव्यों का निष्ठा से अनुपालन करना चाहिए। इस दौरान अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मूल कर्तव्यों, संवैधानिक आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रीय प्रतीकों आदि का आदर करने की शपथ दिलाई गई। अपर मुख्य अधिकारी ने अधिकारियों व कर्मचारियों को शपथ दिलाते हुए कहा कि वह भारत के संविधान में दिये गये मूल कर्तव्यों को पालन करेंगे। संवैधानिक आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज व राष्ट्रीय प्रतीकों का आदर करेंगे। देश की संप्रभुता अखंडता की रक्षा करेंगे।

महिलाओं का सम्मान करेंगे। हिंसा से दूर रहकर बंधुता बढ़ाएंगे। सामाजिक संस्कृति का संवर्द्धन व पर्यावरण का संरक्षण करेंगे। सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करेंगे। उन्होंने संविधान दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है। आज ही के दिन आजाद भारत को एक संविधान मिला था। 26 नवंबर 1949 को, संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया, जो 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 19 नवंबर, 2015 को भारत सरकार ने नागरिकों के बीच संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 26 नवंबर को प्रतिवर्ष संविधान दिवस के रूप में मनाये जाने का निर्णय लिया गया। इससे पूर्व यह दिवस विधि दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है।

इस दिन हर देशवासी इस बात को लेकर गौरव महसूस करता है कि संविधान हम सब की सर की छत है। भारत के संविधान में 22 भागों और 8 अनुसूचियों में 395 लेख शामिल थे, जिसमें लगभग 1,45,000 शब्द थे। भारतीय संविधान अब तक अपनाया गया विश्व का सबसे लंबा एवं लिखित राष्ट्रीय संविधान है। संविधान सभा के सदस्यों ने 02 साल और 11 महीने की अवधि में कुल 11 सत्र और 167 दिन में पूरे संविधान का निर्माण किया था। बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर को संविधान का जनक माना जाता है। इस मौके पर जयकुमार भाटी प्रशासनिक अधिकारी, रतन सिंह, कर अधिकारी, लोकेश कुमार, हातम सिंह आदि समस्त कर्मचारीगण उपस्थित रहें।