जेवर एयरपोर्ट से सीधे विदेशी उड़ान भर सकेंगे यात्री, मिलेगी सीधी फ्लाइट

ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) को एशिया पैसेफिक ट्रांजिट हब बनाने की दिशा में भी काम चल रहा है। इसके लिए किसी नामचीन एयरलाइंस से समझौता करने की तैयारी है। पैसेफिक ट्रांजिट हबहब बनने से जेवर एयरपोर्ट से सभी फ्लाइट गुजर सकेंगी। इससे यात्रियों को विभिन्न देशों के लिए सीधी हवाई सेवा मिलेगी। जेवर एयरपोर्ट पर ज्यादा फ्लाइट आने-जाने से एयरपोर्ट के विकास में भी सहायता मिल सकेगी। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) ने यह सुझाव विकासकर्ता कंपनी यमुना इंटनरेशनल एयरपोर्ट प्रा.लि. (वाईआईएपीएल) को दिया है। भारत में अभी तक किसी एयरलाइंस का ट्रांजिट हब नहीं है।

ऐसे में जेवर एयरपोर्ट पर एशिया पैसेफिक ट्रांजिट हब विकसित करने की प्लानिंग है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने वाईआईएपीएल से इस एयरपोर्ट को ट्रांजिट हब बनाने का महत्वपूर्ण सुझाव दिया है। इसके लिए किसी बड़ी एयरलाइंस से समझौता करना जरूर होता है। समझौता करने वाली एयरलाइंस अन्य एयरलाइंस को अपने साथ जोड़ती है। हब बनने के बाद उसकी सभी फ़्लाइट यहां से होकर गुजरेंगी। मान लीजिये किसी बड़ी विदेशी एयरलाइंस इसके लिए आगे आती है तो उसकी सभी फ़्लाइट यहां आएंगी। इससे यात्रियों को भी फायदा मिलेगा।

उन्हें सीधी सेवा मिलने लगेगी। यह देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है। यह ट्रांजिट हब के लिए मुफीद भी रहेगा। ट्रांजिट हब बनने से एयरपोर्ट में फ्लाइट का आना-जाना अधिक हो जाएगा। जब फ्लाइट अधिक आएंगी तो रोजगार के अवसर अधिक बनेंगे। व्यापार भी बढ़ेगा। इसलिए यह हब बनने से अनेक फायदे मिलेंगे। अब वाईआईएपीएल इस दिशा में काम करेगी। अगर आप घरेलू उड़ान के लिए एयरपोर्ट पहुंचते हैं तो सुरक्षा जांच करानी पड़ती है।

गंतव्य के बाद फिर आप दूसरी घरेलू फ्लाइट पकड़ते हैं तो फिर आपकी सुरक्षा जांच होगी। जबकि कई देशों में एक बार जांच का प्रावधान है। वाईआईएपीएल ने यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को दिया था। लेकिन सरकार ने मना कर दिया था। वाईआईएपीएल ने नियाल के अफसरों से अनुरोध किया है कि इस पर फिर विचार किया जाए। यह बेहतर और समय व स्टाफ की बचत भी होगी। नियाल के अधिकारियों ने उन्हें आश्वस्त किया है कि वह एक बार फिर संबंधित अफसरों से वार्ता करेंगे।