सीईओ का औचक निरीक्षण, गैर हाजिर मिले 28 कर्मचारी, कटेगा वेतन

ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डॉ. अरुणवीर सिंह ब्रहस्पतिवार को एकाएक औचक निरीक्षण पर निकल पड़े। विभिन्न कार्यालयों का निरीक्षण करने पर उन्हें 28 कर्मचारी गैरहाजिर मिले। ऐसे में सभी कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने का फरमान जारी कर दिया गया। निरीक्षण के दौरान सीईओ ने सभी विभागों की फाइलों की जांच-पड़ताल की। नियोजन विभाग में साढ़े चार हजार लीज प्लान मिले। ये लीज प्लान आवंटियों को नहीं भेजे गए।

इस प्रकरण की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जांचोपरांत दोषियों के निलंबन और बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह ने ब्रहस्पतिवा को कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने भूलेख, संपत्ति, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, लेखपाल, परियोजना विभाग में जाकर सभी पटल का निरीक्षण किया। यहां की फाइलों का अवलोकन किया। सीईओ अपने साथ करीब 30 फाइलें भी ले गए। इन फाइलों की जांच की जाएगी। यह देखा जाएगा कि कब से यहां पर फाइल अटकी पड़ी हैं।

फाइलों को आगे क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान कुछ चौंकाने वाले खुलासे भी हुए। नियोजन विभाग में करीब 4.5 हजार लीज प्लान मिले हैं। ये लीज प्लान आवंटियों को नहीं भेजे गए थे। दरअसल रजिस्ट्री कराने से पहले आवंटियों को लीज प्लान भेजा जाता है, ताकि वह रजिस्ट्री करा सकें। उसके लिए समय भी तय होता है। यदि समय के बाद रजिस्ट्री कराई तो जुर्माना भी लगता है। अब ऐसे कर्मचारियों पर कार्यवाही की तलवार लटक गई है। रजिस्ट्री की कार्रवाई पूरी हो चुकी है, लेकिन विभागों में फाइल दबी पड़ी है। इसके चलते उनकी रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है।

कई मामले तो 1 से 2 साल के पुराने भी हैं। वारिसान के लिए 2016 व 2018 में आवेदन आए, लेकिन अब तक अपडेट नहीं किया गया। वारिसान के लिए 2021 में आए आवेदन को भी नहीं निपटाया गया। इसके चलते आवेदकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सीईओ के औचक निरीक्षण में 28 कर्मचारी गैरहाजिर पाए गए। इसमें परियोजना के 8, संपत्ति के 3, विधि के 1, वित्त के 5, कार्मिक विभाग के 2, मार्केटिंग के 1, सीआर सेल के 1, भूलेख के 2, नियोजन के 1 समेत 28 कर्मचारी शामिल हैं। इन सभी का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए गए हैं। सीईओ ने कहा कि लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ी तो निलंबन और बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी।