फाइलों में दबकर रह गए साढ़े 4 चार हजार लीज प्लान

ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। नियोजन विभाग में साढ़े 4 हजार लीज प्लान फाइलों में दबे पाए गए हैं। इस पर सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने सख्त रूख अपनाया है। यह लीज प्लान आवंटियों को भेजे जाने थे। लीज प्लान न भेजे जाने के कारण आवंटियों द्वारा संपत्ति की रजिस्ट्री नहीं कराई गई है। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह ने भूलेख, संपत्ति, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, लेखपाल, परियोजना विभाग के कार्यों का निरीक्षण किया।

उन्होंने बताया कि नियोजन विभाग में करीब साढ़े चार हजार लीज प्लान मिले हैं। ये लीज प्लान आवंटियों को भेजे जाने। दरअसल रजिस्ट्री कराने से पहले आवंटियों को लीज प्लान भेजा जाता है, ताकि वह रजिस्ट्री करा सकें। उसके लिए समय भी निर्धारित होता है। निर्धारित समय के उपरांत रजिस्ट्री कराने पर जुर्माना भी लगता है। अब ऐसे कर्मचारियों पर कार्यवाही की तलवार लटक गई है, जिन्होंने इस मामले में लापरवाही बरती है।

संबंधित कर्मचारियों की लापरवाही के कारण रजिस्ट्री नहीं हो पाई है। कई मामले तो 1 से 2 साल के पुराने भी हैं। वारिसान के लिए 2016 व 2018 में आवेदन आए, मगर अब तक अपडेट नहीं किया गया। वारिसान के लिए 2021 में आए आवेदन को भी नहीं निपटाया गया। इसके चलते आवेदकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।