नोएडा प्राधिकरण के भ्रष्टाचार की इमारत अगले 3 घंटे में हो जाएगी जमींदोज ट्विन टावर का काउंटडाउन अंतिम चरण में

नोएडा। नोएडा के सेक्टर-93ए के एमराल्ड कोर्ट परिसर में स्थित ट्विन टावर को जमींदोज करने के लिए उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। रविवार को यह बहुमंजिला टावर बारूद के इस्तेमाल से ध्वस्त कर दिया जाएगा। कुतुबमीनार से भी बड़े टावर को गिराए जाने से पहले समूचे शहर में हलचल तेज हो गई है। टावर को गिराने संबंधी संबंधी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। नोएडा ट्रैफिक पुलिस की तरफ से ट्रैफिक प्लान जारी कर दिया गया है। यदि आप रविवार की अवकाश की प्लानिंग के तौर इस तरफ जाने की सोच रहे हैं तो आपको एक बार ट्रैफिक प्लान के विषय में जरूर जान लेना चाहिए।

इंजीनियरिंग के इस कारनामे को देखने के लिए दिल्ली और हरियाणा तक से नागरिकों के मौके पर पहुंचने की प्लानिंग है। वहीं, ब्लास्ट टीम पूरी सुरक्षा के तहत ट्विन टावर को गिराए जाने को अंतिम रूप देने में जुटी है। ट्विन टावर में होने वाले ब्लास्ट को लेकर ट्रैफिक पुलिस की तरफ से फाइनल डायवर्जन प्लान जारी किया जा चुका है। गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त आलोक सिंह और संयुक्त सीपी लव कुमार ने शनिवार की शाम सुपरटेक ट्विन टावर को गिराने की तैयारियों का मौके पर पहुंच कर जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले 6 माह से की जा रही सभी तैयारियां अब समाप्त हो गई हैं। सभी टीमें पूरी तरह से तैयार हैं।

भवन विशेषज्ञों ने अपने सुझाव दिए हैं। विस्फोटकों का आंकलन किया जा चुका है। आसपास की सोसायटीज के रेजीडेंट्स की समस्याओं का समाधान किया गया है। ट्विन टावर के आसपास छोटी-बड़ी मिलाकर 6 सोसाइटी हैं। इन 6 सोसाइटी में 3 हजार से अधिक फ्लैट हैं। एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी को पूरी तरह खाली करा लिया जाएगा। इसके अलावा सेक्टर की अन्य सोसाइटी को भी एहतियात के तौर पर निर्देश जारी किए गए हैं। ट्विन टावर के आसपास ध्वस्तीकरण के समय किसी भी सोसाइटी के टावर की छत पर किसी को भी देखने, फोटो और वीडियोग्राफी की अनुमति नहीं होगी। कोई भी टावर की छत पर नहीं जाएगा।

भ्रष्टाचार के ट्विन टावर बनाने से लेकर गिराने तक कब क्या हुआ

23 नवंबर 2004 – नोएडा विकास प्राधिकरण ने सेक्टर-93ए स्थित ग्रुप हाउसिंग के लिए प्लॉट नंबर-4 सुपरटेक बिल्डर को आवंटित किया।

29 दिसंबर 2006 – नोएडा विकास प्राधिकरण ने बिल्डिंग प्लान में संशोधन करते हुए दो मंजिल अतिरिक्त बनाने की अनुमति बिल्डर को दे दी।

26 नवंबर 2009 – नोएडा विकास प्राधिकरण ने एक बार फिर से परियोजना में बदलाव करते हुए 15 की जगह 17 टावर बनाने का नक्शा पास कर बिल्डर को लाभ दिया।

2 मार्च 2012 – नोएडा विकास प्राधिकरण ने टावर नंबर 16 और 17 के लिए एफएआर और बढ़ा दिया। इससे दोनों टावर को 40 मंजिल तक बनाने की मंजूरी सुपरटेक बिल्डर को मिल गई।

24 अप्रैल 2012 – सोसाइटी के निवासियों द्वारा गठित एमराल्ड कोर्ट आरडब्ल्यूए ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया और मामले में पहली सुनवाई हुई।

अप्रैल 2014 – इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्विन टावरों को अवैध करार देते हुए संपूर्ण इमारत के ध्वस्तीकरण के आदेश जारी किए।

05 मई 2014 – हाईकोर्ट के आदेश के बाद बिल्डर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट में ट्विन टावर मामले की पहली सुनवाई हुई।

31 अगस्त 2021 – सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण के भ्रष्टाचार के प्रतीक ट्विन टावरों को ध्वस्त करने के हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए ट्विन टावर को जल्द गिराने को कहा।

पब्लिक एडवाइजरी जारी ढाई बजे के बाद पहनें मास्क 

नोएडा शहर के बाशिंदों के लिए अथॉरिटी की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी की ओर से एक पब्लिक एडवाइजरी जारी की गई है। लोगों से अपील की गई है कि कल 2:30 बजे के बाद कुछ घंटों के लिए शहर में प्रदूषण का स्तर तेजी के साथ बढ़ सकता है। ऐसे में बुजुर्ग और बच्चे मास्क का इस्तेमाल करें तो बेहतर रहेगा। आपको बता दें कि सुपरटेक बिल्डर के अवैध ट्विन टावर अपैक्स और सियान को कल दोपहर बाद 2:30 बजे विस्फोट के जरिए ध्वस्त किया जाएगा। इस दौरान एक भारी-भरकम धूल का गुबार पैदा होगा, जो सेक्टर-93 से चार-पांच किलोमीटर के दायरे में तेजी के साथ चलेगा। हालांकि, हवा बुलंदशहर की तरफ चल रही है। इसलिए ग्रेटर नोएडा में भी प्रदूषण का स्तर ऊंचा रहेगा।

6 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन, 200 सफाई कर्मचारी और 100 से अधिक पानी के टैंकर तैनात

ध्वस्तीकरण के बाद भारी मात्रा में धूल पैदा होगी। जिसे कम करने के लिए प्राधिकरण ने छह मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन, 200 सफाई कर्मचारी और 100 से अधिक पानी के टैंकर तैनात किए हैं। अथॉरिटी का अमला सड़कों, फुटपाथ, सेंट्रल वर्ज और पेड़-पौधों की धुलाई करेगा। ट्विन टॉवर्स के चारों ओर 15 एंटी स्मोग गन की तैनाती की गई है। जिससे धूल जनित प्रदूषण का स्तर कम किया जा सके। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नोएडा प्राधिकरण के आईटीएमएस के माध्यम से पॉल्यूशन की मॉनिटरिंग की जाएगी।