एयरपोर्ट निर्माण के लिए कहां से आये पानी चल रहा है मंथन

– सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया एयरपोर्ट के लिए पानी की दीर्घकालिक उपलब्धता को लेकर बनाई जा रही है योजना

उदय भूमि ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को निर्माण कार्यों के लिए पानी कहां से मिले और भविष्य में एयरपोर्ट की पानी की जरूरत को कैसे पूरा किया जाएगा इसको लेकर मंथन चल रहा है। एयरपोर्ट को पानी उपलब्ध कराने को लेकर फिलहाल 5 विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। पांचों विकल्प में से जो विकल्प सबसे बेहतर होगा उसे अमलीजामा पहनाया जाएगा।

नोएडा एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। मुख्यमंत्री योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जाने वाले नोएडा एयरपोर्ट का काम तेजी से हो इसको लेकर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह काफी सिद्दत से काम कर रहे हैं। एयरपोर्ट निर्माण से संबंधित सभी छोटी से छोटी समस्याओं को प्राथमिकता पर दूर करा रहे हैं। अप्रैल 2024 तक एयरपोर्ट का निर्माण पूरा करके ट्रायल शुरू हो जाएगा और सितंबर 2024 से एयरपोर्ट यात्री विमान उड़ान भरने लगेंगी। ऐसे में एयरपोर्ट निर्माण कार्य तेजी से हो इसके लिए पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध होना जरूरी है।

जेवर एयरपोर्ट के निर्माण कार्य से लेकर संचालन शुरू होने पर सफाई, पेयजल आदि के लिए काफी मात्रा में पानी की जरूरत होगी। सिंचाई विभाग ने पूर्व में एयरपोर्ट के लिए हर माह पंद्रह दिन जलापूर्ति करने की सहमति दी थी। विकासकर्ता कंपनी महीने भर पानी की आपूर्ति चाहती है। पिछले दिनों लखनऊ में हुई बैठक में एक समिति बनाई गई। यह समिति जल प्रबंधन तैयार करेगी। समिति के अध्यक्ष नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह हैं। मंगलवार को उनकी अध्यक्षता में समिति की बैठक हुई। बैठक में सिंचाई विभाग व एयरपोर्ट के अधिकारी शामिल हुए। बैठक में तय किया गया कि एयरपोर्ट के निर्माण के लिए जेवर माइनर से मिलेगा। इस पर सहमति बन गई। भविष्य के लिए पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए पांच विकल्पों पर विचार हुआ। इन विकल्पों पर जल्द फैसला लिया जाएगा।

एयरपोर्ट को पानी उपलब्ध कराने को लेकर इन विकल्पों पर हो रही है मत्था-पच्ची
1-हापुड़ के देहरा से जेवर एयरपोर्ट तक पाइप लाइन के जरिये पानी पहुंचाया जाए। इसमें तय हुआ कि पहले देहरा से एयरपोर्ट तक पाइप लाइन बिछानी होगी।
2-ग्रेटर नोएडा के एसटीपी से निर्माण कार्य के लिए पानी लाया जाए। इसके लिए 45 किलोमीटर पाइप लाइन बिछानी पड़ेगी।
3-जेवर माइनर से निर्माण कार्य के लिए पानी दिया जाये। सिंचाई विभाग ने जेवर में रेगुलेटर लगाया है।
4-एयरपोर्ट साइट पर वाटर स्टोरेज के लिए तीन टैंक बनाए जाएं।
5-यमुना के किनारे रेनीवेल बनाया जा सकता है। रैनीवेल के जरिये एयरपोर्ट को 15 एमएलडी तक पानी मिल सकता है।