यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के स्मार्ट विलेज बनेंगे न्यू इंडिया की पहचान

30 सितंबर तक 5 स्मार्ट विजेज का काूम होगा पूरा, गांवों लगेंगे सीसीटीवी कैमरे गांवों में शहर की तरह होगी ट्रांसपोर्ट सर्विस

उदय भूमि ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। प्रधानमंत्री न्यू इंडिया मुहिम को गांवों तक पहुचाने का काम यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह कर रहे हैं। यमुना प्राधिकरण के गांव हाईटेक टैक्नोलॉजी की सुविधा से युक्त होंगे और गांवों में सीसीटीवी कैमरे लगाये जाएंगे। प्राधिकरण द्वारा गांवों में शहर की तर्ज पर एक गांव को दूसरे गांव से जोड़ने के लिए बसे चलाई जाएंगी। सिटी बस की तर्ज पर चलने वाली विलेज बस सेवा सभी गांवों को कनेक्ट करेगा। यमुना प्राधिकरण ने चरणबद्ध तरीके से स्मार्ट विलेज की योजना पर काम कर रहा है। प्रथम चरण में 5 गांवों को स्मार्ट विलेज बनाने का काम 30 सितंबर तक पूरा हो जाएगा। दूसरे चरण में 9 और गांवों को स्मार्ट विलेज बनाया जाएगा।

यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के गांवों में तीव्र गति से विकास कार्य हो रहे हैं। गांवों को विकसित करने की योजना के तहत प्राधिकरण अपने अधीन गांवों को स्मार्ट विलेज बना रहा है। योजना के तहत प्रत्येक गांव 10 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्य कराए जा रहे हैं। यहां सीसीटीवी कैमरों के साथ इन गांवों को जोड़ते बस सुविधा भी शुरू की जाएगी। ताकि लोगों को घर के पास से बस मिल सके। प्राधिकरण ने 29 गांवों की जमीन यमुना सिटी बसाने के लिए ली है। इन गांवों की जमीन पर औद्योगिक इकाईयां लगेंगी और विकास के लिए खरीदी है। पहले चरण में इन 29 गांवों को स्मार्ट बनाया जाएगा। प्राधिकरण द्वारा डूंगरपुर रीलखा, मिजार्पुर, अच्छेजा बुजुर्ग, रामपुर बांगर, निलौनी शाहपुर, सलारपुर, रुस्तमपुर व मूंजखेड़ा में स्मार्ट विलेज की योजना पर काम चल रहा। जबकि चपरगढ़ गांव का टेंडर जारी हो गया है। दो चरणों में स्मार्ट विलेज का काम पूरा होगा। डूंगरपुर रीलखा, मिजार्पुर, अच्छेजा बुजुर्ग, रामपुर बांगर और निलौनी शाहपुर में विकास कार्य 30 सितंबर तक पूरे हो जाएंगे।

स्मार्ट विलेज योजना पर खर्च होंगे 103 करोड़
स्मार्ट विलेज में प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके अलावा इन गांवों को जोड़ते हुए बस सुविधा शुरू की जाएगी। छोटे गांवों के बाहर बस स्टॉप बनेंगे। स्मार्ट विलेज योजना के तहत जो गांव चयनित हुए हैं वहां पर विकास कार्यों पर लगभग 103 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। एक गांव के विकास पर औसतन 10 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्राधिकरण का दावा है कि स्मार्ट विलेज सभी सुविधाओं से युक्त होंगे। विकास कार्यों के लिए फंड की कमी आड़े नहीं आएगी।

दो फेज में होगा स्मार्ट विलेज का काम
स्मार्ट विलेज योजना के तहत पहले चरण में पानी की पाइप लाइन डाली जा रही है। घरों में  नल के जरिये पानी पहुंचाया जाएगा। सीवर लाइन, सड़क, इंटरलॉकिंग टाइल्स, सीसी रोड, स्ट्रीट लाइट, जन सुविधा केंद्र आदि बनाए जाएंगे। इसमें अधिकतर बेसिक काम शामिल हैं। पांच गांवों में ये काम 30 सितंबर तक पूरा हो जाएगा। योजना के दूसरे चरण में गांवों में कूड़ा प्रबंधन, खेल का मैदान, स्वास्थ्य सेवाएं, सामुदायिक केंद्र, चौपाल, एटीएम के लिए बूथ, ट्रांसपोर्ट (बस सर्विस) आदि पर काम किया जाएगा।

डॉ. अरुणवीर सिंह
सीईओ
यमुना विकास प्राधिकरण

गांवों में विकास जरूरी है। गांवों में शहरों की तरह सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध हो इसी तर्ज पर स्मार्ट विलेज विकसित किये जा रहे हैं। स्मार्ट विलेज के पहले चरण का काम 5 गांवों में 30 सितंबर तक पूरा हो जाएगा। गांवों में विकास कार्यों को लेकर दूसरे चरण की भी डीपीआर बन चुकी है। पहले चरण के काम पूरे होते ही दूसरे चरण के काम शुरू करा दिए जाएंगे। दूसरे चरण में गांवों में ट्रांसपोर्ट सुविधा शुरू की जाएगी। यह सुविधा सीएसआर के जरिये शुरू करने की योजना है। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के गांव देश के आदर्श गांवों की सूची में स्थापित होंगे।
डॉ. अरुणवीर सिंह
सीईओ
यमुना प्राधिकरण