बकाएदारों की जेब ढीली कर किसानों को मुआवजा बांटेगा यमुना प्राधिकरण

ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्र के 7 हजार किसानों को अतिरिक्त मुआवजा देने के लिए कवायद तेज हो गई है। इन किसानों को 64.7 प्रतिशत का अतिरिक्त मुआवजा दिया जाना है। ऐसे में यमुना प्राधिकरण बकाएदार आवंटियों की जेब खाली कराने की तैयारी में है। बकाएदारों से वसूली कर किसानों को भुगतान किया जाएगा। बिल्डर और संस्थागत आवंटियों से यीडा से लगभग 2200 करोड़ रुपए की वसूली करनी है। अगले 3 माह में किसानों को मुआवजा देना काफी चुनौतीपूर्ण नजर आ रहा है।

ऐसे में विभागीय अधिकारी जल्द बड़े बकाएदारों के साथ मीटिंग करने को उतावले हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यमुना प्राधिकरण किसानों को अतिरिक्त मुआवजा देने की तैयारी शुरू कर दी है। यमुना प्राधिकरण ने जिन आवंटियों से अतिरिक्त मुआवजा का पैसा लिया जाना है, उनकी सूची तैयार कर ली है। सबसे अधिक पैसा बिल्डरों से वसूल किया जाना है। 15 बिल्डरों से 1600 करोड़ से अधिक की वसूली की जानी है। इसके अलावा संस्थागत के 13 बड़े आवंटियों से भी वसूली होनी है। इनसे भी 600 करोड़ रुपये से अधिक वसूल किए जाने हैं।

इन आवंटियों में शकुंतला वेलफेयर सोसाइटी, जीएल बजाज आदि शामिल हैं। यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक, बकाया वसूली को लेकर इन आवंटियों के साथ जल्द बैठक की जाएगी। इस बैठक में तय किया जाएगा कि यह पैसा किस तरह से वसूल किया जाना है। पैसा वसूलने के बाद किसानों को अतिरिक्त मुआवजा बांटा जाएगा। वहीं, जेपी ग्रुप को 2500 एकड़ जमीन आवंटित हुई थी। जिन किसानों की यह जमीन है, उन्हें भी अतिरिक्त मुआवजा मिलना है। इन किसानों को अतिरिक्त मुआवजे का पैसा जेपी को देना है। यह पैसा 2200 करोड़ से अलग है। आवासीय आवंटियों से यमुना प्राधिकरण अतिरिक्त मुआवजे का पैसा पहले से लेना शुरू कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद किसानों को अतिरिक्त मुआवजा देना बंद कर दिया था। अब किसानों को यह पैसा मिलने लगेगा। यह करीब 550 करोड़ रुपये है।

इन बिल्डरों पर बकाया रकम
यमुना प्राधिकरण को ओरिस डेवलपर्स प्रा.लि. पर 174 करोड़, सनवल्र्ड इंफ्रास्ट्रक्चर लि. पर 159 करोड़, एटीएस रियल्टी प्रालि पर 155 करोड़, सुपरटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट लि पर 157 करोड़, एसडीएस इंफ्राटेक प्रालि पर 212 करोड़, ग्रीनब्रे इंफ्रा प्रालि पर 126 करोड़, एचसी इंफ्रासिटी प्रालि पर 138 करोड़, सुपरटेक लि. पर 164 करोड़, लॉजिक्स बिल्डस्टेट प्रालि पर 78 करोड़, सिल्वर लाइन फर्निस एंड फर्नीचर्स प्रालि पर 63 करोड़, एसडीएस हाउसिंग प्रालि पर 49 करोड़ रुपए बकाया है।