गाड़ी चोरी एवं शराब फैक्ट्री का क्राइम ब्रांच ने किया भंडाफोड़, मिस इण्डिया के नाम से बेच रहा था नकली शराब

-चोरी की गाड़ी, क्यूआर कोड, फर्जी कागजात समेत आरोपी गिरफ्तार

गाजियाबाद। मसूरी क्षेत्र में एक माह से चल रहे अवैध शराब के कारोबार का क्राइम ब्रांच की टीम ने भंडाफोड़ करते हुए वाहन चोरी की वारदात एवं अवैध रुप से चल रही शराब की फैक्ट्री एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।
एसपी क्राइम दीक्षा शर्मा ने बताया कि क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी, एसआई अरुण वर्मा, अभय मिश्रा की संयुक्त टीम ने मसूरी स्थित आईडल कॉलेज के पास बने एक खण्डरनुमा मकान पर छापेमारी के दौरान प्रिन्स चौहान निवासी कुचेरसर चौपला बाबूगढ छावनी हापुड को गिरफ्तार किया गया। जिसकी निशानदेही पर मारूती सियाज कार, फर्जी आधार कार्ड, आरसी तैयार करने में इस्तेमाल होने वाला लैपटॉप, चार फर्जी आधार कार्ड, 4 आरसी, प्लास्टिक के कार्ड वाली चिपयुक्त बिना छपी आरसी 4, आईडीएफसी फस्ट बैंकी की फर्जी एनओसी, मिस इण्डिया मार्का की देसी नकली शराब की 15 पेटी ,नकली शराब की पैंकिग के लिए खाली प्लास्टिक की 1500 बोतल, शराब पेकिंग के लिए 1200 पव्वा के ढक्कन, 1500 नकली रेपर, नकली क्यूआर कोड (एक बंडल), हरे रंग की वेव लिखी हुई ढक्कन पर लगाने वाली 300 सील, फॉर सेल इन यूपी लिखी पव्वा रखने वाली 30 कार्टून की पेटी, 50 लीटर क्षमता वाला ड्रम अपमिश्रित शराब भरा हुआ, सील व पैक करने वाले भारी मात्रा में उपकरण बरामद किया गया।

एसपी क्राइम ने बताया कि आरोपी प्रिंस चौहान अपने पिता विपिन चौहान व भाई दीपांशु चौहान और एक अन्य के साथ मिलकर आईडीएल कॉलेज के पास बने खण्डरनुमा मकान के कमरे में अवैध रुप से नकली शराब बनाने का कारोबार करते है। शराब बनाने के लिए उपकरण व सामाग्री दीपांशु अपने साथी की मदद से लाता था। फिर प्रिंस व उसके पिता शराब बनाकर बोतल में भरकर सील लगाने का काम करते थे। शराब की पैकिंग इतनी बारीकी से करते थे, जिससे लोगों के लिए भी मुश्किल होता था कि यह शराब असली है कि नकली। जिसके बाद उक्त शराब को आरोपी अपने भाई के साथ मिलकर आसपास के जनपदों में शराब तस्करी का कारोबार करते थे।

क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी ने बताया कि प्रिंस चौहान अपने परिवार के साथ मिलकर पिछले करीब एक माह से शराब तस्करी और निर्माण का काम कर रहा था। साथ ही आरोपित पिछले करीब दो वर्षों से वाहन चोरी की वारदातों को भी अंजाम दे रहे थे। प्रिंस चौहान अपने भाई दीपांशु के साथ मिलकर चार पहिया वाहनों को चोरी करता था। प्रिंस चौहान के चार फर्जी आधार कार्ड बरामद किया गया है। चोरी की गाडिय़ों का इस्तेमाल पहले शराब तस्करी में करते थे। उसके बाद उसे ओलेक्स ऐप के माध्यम से बेच देते थे। गाड़ी चोरी करने के बाद लैपटॉप द्वारा फर्जी आरटीओ रजिस्ट्रेशन के कागजात, बैंक की एनओसी आदि तैयार कर गाड़ी को बेच देते थे। आरोपी के पिता पूर्व में जेल जा चुके है। उन्होंने बताया कि पकड़ा गया आरोपी इतना शातिर है कि फर्जी कागजात तैयार करने के बाद ऑनलाइन ऐप के माध्यम से गाड़ी बेचते थे। जो कि अब सौ से अधिक गाडिय़ों को बेच चुके है। फरार आरोपियों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।