नगर निगम में तेल के खेल पर जोर का हंटर धीरे से चला

– 15वें वित्त आयोग की बैठक में हुआ बड़ा निर्णय, अब सीएनजी से चलेंगे नगर निगम के वाहन

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। शहर की आबोहवा सुधराने के साथ-साथ नगर निगम की भी माली हालात में सुधार होगा। 15वें वित्त आयोग की बैठक में नगर निगम में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण डीजल वाहनों को सीएनजी में परिवर्तित करने का निर्णय है। नगर निगम के इस निर्णय का उद्देश्य शहर में प्रदूषण के स्तर को कम करना बताया जा रहा है। लेकिन प्रदूषण कम करने की खातिर लिये गये इस निर्णय से डीजल लूट पर भी हंटर चला है। डीजल लूट जहां नगर निगम की बदनामी का सबसे बड़ा कारण है वहीं, शहर में प्रदूषण फैलाने का भी बड़ा कारण है। शहर में प्रदूषण घटाने और अधिक से अधिक हरियाली विकसित करने और सड़कों को धूलमुक्त बनाने का भी निर्णय लिया गया है। शहर में 200 से अधिक पार्कों को विकसित किया जाएगा वहीं महामाया स्टेडियम के पास सघन वन क्षेत्र भी विकसित किया जाएगा। बीते दो-तीन सालों में गाजियाबाद नगर निगम में डीजल वाहनों की अनियमितता को लेकर काफी शिकायतें मिली। रिकार्ड बताते हैं कि औसतन प्रतिमाह करीब 3 करोड़ रुपये का डीजल नगर निगम के वाहन पी जाते हैं। इसको लेकर कई बार विवाद हो चुका है। आॅडिट में भी इसको लेकर आपत्ति उठ चुकी है। नगर निगम के करीब 579 वाहन हैं जो डीजल से चलते हैं। इन वाहनों में ड्यूटी को लेकर काफी जोर अजमाईश होती है। स्वास्थ विभाग के अधिकारियों के अवैध कमाई का यह एक बड़ा साधन भी रहा है। स्वास्थ विभाग के अधिकारियों पर ड्राइवरों के साथ मिलकर तेल पी जाने के भी आरोप लगते रहे हैं। पेट्रोल पंप संचालकों से भी सांठ-गांठ करके नगर निगम को नुकसान पहुंचाने की शिकायतें मिली हैं। कभी तेल में खेल, डीजल घोटाला तो कभी डीजल लूट के नाम से इन खबरों ने खूब सुर्खियां भी बटोरी है। लेकिन अब तक तमाम प्रयासों के बावजूद इसे रोक पाने में निगम के आला अधिकारियों को असफलता ही हाथ मिली। लेकिन अब नगर निगम ने जो नया कदम उठाया है। उससे तेल के खेल पर जोरदार हथौड़ा चला है। नगर निगम मुख्यालय में शनिवार को मेयर आशा शर्मा की अध्यक्षता में 15वें वित्त आयोग की बैठक हुई। बैठक में म्युनिसिपल कमिश्नर महेंद्र सिंह तवर ने एयर क्वालिटी इंप्रूवमेंट एवं सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर प्रस्ताव रखे। 15वें वित्त आयोग की बैठक में यह निर्णय हुआ कि डीजल के सभी पुराने वाहनों में सीएनजी लगाये जाएंगे और नगर निगम द्वारा खुद का सीएनजी पम्प लगाया जाएगा। इस योजना पर लगभग 5 करोड़ रुपये खर्च होंगे। नगर निगम के इस निर्णय से सालाना करोड़ों रुपये की बचत होगी और शहर में प्रदूषण का स्तर भी घटेगा। बैठक में सीएनजी वाहन सहित एक दर्जन से अधिक प्रस्तावों पर मुहर लगी। कुछ प्रस्तावों में आवश्यकतानुसार संशोधन भी किया गया। बैठक में नगर निगम के समस्त विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। शहर में प्रदूषण घटना, इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने, हरियाली विकसित करने, सीवर, सफाई और पेयजल आपूर्ति बेहतर करने को लेकर नगर निगम द्वारा लगभग 121 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे।

बैठक में इन प्रस्तावों पर लगी मुहर
– रोड साइड पटरी को डस्टमुक्त करने हेतु साइट पटरी पर कट स्टोन लगाने का कार्य, लागत लगभग 10 करोड़।
– लगभग 200 अविकसित पार्कों को विकसित करने का कार्य, लागत लगभग 20 करोड़।
– महामाया स्टेडियम के बराबर में खाली जमीन पर बनेगा घना जंगल जैसा सिटी फॉरेस्ट
– हाई जेटिंग प्रशेर मशीन की खरीददारी, लागत लगभग 1 करोड़।
– 6 एंटी स्मोग गन की स्थापना का कार्य एवं 3 स्टेशनरी एंटी स्मॉग गन मशीन लगाने का कार्य।
– डिवाइडरों की सफाई के लिए जेटिग मशीन की खरीददारी, लागत लगभग 1.20 करोड़।
– शहर के मुख्य चौराहों एवं मुख्य बाजारों में 30 एयर फिल्टर की स्थापना का कार्य।
– गोविंदपुरम क्षेत्र एवं वसुंधरा क्षेत्र में गार्बेज फैक्ट्री का निर्माण।
– ब्रिज विहार नाले का रेस्टोरेशन का कार्य, लागत लगभग 10 करोड़।
– 10 करोड़ रुपये की लागत से ड्रेनेज सुधार कार्य।
– नालो पर स्क्रीन फिल्टरस लगाने का कार्य, लागत लगभग 1 करोड़।
– एसडब्ल्यूएम कंट्रोल रूम का निर्माण कार्य, लागत लगभग 1.5 करोड़।
– डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन हेतु 100 सीएनजी आॅटो टिपर टेम्पो की खरीददारी, लागत लगभग 7 करोड़।
– डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन हेतु 100 ई रिक्शा का क्रय, लागत लगभग 2.30 करोड़।
– शहर के आंतरिक मार्गो की सफाई हेतु 5 रोड स्वीपिंग मशीन का क्रय, लागत लगभग 2.70 करोड़।
– हिंडन नदी की सफाई हेतु वाटर लोन मूवर/एंफिबियन मशीन की खरीददारी।
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