ब्राह्मण महासभा ने पूर्व सीएम जीतन राम मांझी को घेरा, मानसिकता पर उठाए सवाल

ब्राह्मणों को लेकर मांझी की अशोभनीय टिप्पणी पर विवाद बढ़ा

पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी आवामी मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी द्वारा ब्राह्मण समाज के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी किए जाने पर देशभर में बवाल मचा है। पूर्व सीएम के बयान और विचारधारा पर सवाल उठाए जा रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग भी पुरजोर तरीके से उठ रही है। इस बीच अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा ने जीतन राम मांझी के बयान की कड़ी आलोचना की है। ब्राह्मण महासभा का आरोप है कि मांझी की मानसिक हालत अच्छी नहीं है, इसलिए वह इस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अक्सर बेहूदा बयानों के कारण चर्चाओं में रहते हैं। बार-बार विरोध और आलोचना होने के बावजूद वह अपना आचरण नहीं सुधार पाए हैं। पूर्व सीएम मांझी ने अब ब्राह्मणों को लेकर बेहद अशोभनीय टिप्पणी की है। कर्मकांडी ब्राह्मणों के कार्यों पर सवाल उठाने के साथ-साथ उन्होंने भगवान राम के अस्तित्व को भी नकार दिया है। इसके बाद उन्हें देशभर में निंदा का सामना करना पड़ रहा है। अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री तरूण मिश्र ने भी पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की ब्राह्मण विरोधी मानसिकता की तीखी आलोचना की है।

उन्होंने कहा है कि देश एवं समाज में ब्राह्मण समाज के योगदान पर सवाल उठाकर पूर्व सीएम अपनी खराब मानसिक स्थिति का परिचय दे रहे हैं। उनका बयान दुर्भावना से ग्रस्त है। ब्राह्मण समाज के गौरवमयी इतिहास को जाने बगैर वह उल-जुलूल बातें कर उपहास का कारण बन रहे हैं। मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम के अस्तित्व को नकार कर पूर्व सीएम ने करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था को कचोटा है। पूर्व सीएम को इस तरह की भाषा और विचारों से बचना चाहिए। किसी समाज के विषय में बगैर जाने बेवजह की टिप्पणी कर देना कतई उचित नहीं है। ब्राह्मण महासभा इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाकर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की असलियत को समाज के सामने रखेगी।