आखिर भाजपा के हो गए सीपी चंद, सपा को दे डाला झटका

उदय भूमि की खबर पर मुहर, गोरखपुर में बदलेंगे सियासी समीकरण

लखनऊ। विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) सीपी चंद ने आखिरकार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया है। समाजवादी पार्टी (सपा) को अलविदा कर वह भाजपाई बन गए हैं। उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर सीधे-सीधे सपा मुखिया अखिलेश यादव को झटका दे दिया है। सीपी चंद के भाजपा में जाने से गोरखपुर में एकाएक राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं। लखनऊ से दिल्ली तक यह खबर एकाएक सुर्खियों में आ गई है। सीपी चंद ने 2 साल पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। उस समय भी राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गरमा गया था। सीएम योगी के साथ मुलाकात की उनकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के कारण खासकर सपा को मिर्ची लग गई थी। उदय भूमि समाचार पत्र ने अपने 22 सितम्बर 2019 के अंक में सपा के कब थे सीपी चंद ? नाम से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। इस खबर ने लखनऊ से दिल्ली तक हलचल पैदा कर दी थी।2 साल पहले सीएम योगी से हुई थी मुलाकात
एमएलसी सीपी चंद केअलावा रविशंकर सिंह पप्पू और रमेश मिश्रा की सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की यह खबर सियासी गलियारों में लंबे समय तक चर्चाओं का विषय रही थी। जानकारों का मानना था कि सीपी चंद का मन भाजपा के अलावा कहीं और नहीं लगता है। वह भाजपा की नीतियों से काफी प्रभावित रहे हैं। एमएलसी सीपी चंद के भाजपा में शामिल होने से अब तमाम अटकलों को विराम लग गया है। सीपी चंद के भाजपा में आने से सपा की चिंता काफी बढ़ गई है। दरअसल सीपी चंद की जनता में मजबूत पकड़ है। इस पकड़ के कारण वह लखनऊ से दिल्ली तक मशहूर हैं। बता दें कि सपा के 4 एमएलसी रविशंकर सिंह पप्पू, नरेंद्र भाटी, सीपी चंद और रमा निरंजन ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की मौजूदगी में सपा के यह चारों एमएलसी भाजपा के साथ आ गए हैं।

सपा का 100 प्रतिशत होगा सफाया
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का कहना है कि इससे भाजपा को ताकत मिलेगी और सपा का 100 प्रतिशत सफाया होगा। उदय भूमि ने 2 साल पहले जो खबर प्रकाशित की थी उसमें बताया गया था सपा के 3 एमएलसी सीपी चंद, रविशंकर सिंह पप्पू और रमेश मिश्र ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है। सीएम के साथ तीनों नेताओं की फोटो वायरल होने के बाद चर्चाओं का बाजार गरम हो गया था। उस समय भी चर्चाओं के केंद्र में सीपी चंद थे और आज भी स्थिति बदली नहीं हैं। उस समय भी चर्चाओं के बीच राजनीतिक पंडित यह सवाल पूछ रहे थे कि सीपी चंद सपा के कब थे? चर्चा यह थी कि सपा एमएलसी सीपी चंद भाजपा में जा सकते हैं। आखिर यह खबर सत्य साबित हो गई।

जब सपा ने कर दिया था निष्कासित
2016 में संपन्न विधान परिषद चुनाव की घटनाए जब-तब सभी के जेहन में ताजा हो जाती हैं। सभी इस बात को जानते हैं कि महराजगंज-गोरखपुर स्थानीय निकाय क्षेत्र से चुनाव में सपा प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने के कारण तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सीपी चंद को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इसके बावजूद सीपी चंद ने 4619 मतों में से 3024 वोट प्राप्त कर सपा के पूर्व मंत्री रहे अपने प्रतिद्वंदी जेपी यादव को 1589 मतों के भारी अंतर से मात दी थी। इस जीत में योगी आदित्यनाथ की क्या भूमिका रही थी, यह भी चर्चाओं में रहा था। योगी आदित्यनाथ उस समय सिर्फ भाजपा के सांसद थे, लेकिन गोरखपुर की राजनीति की चाल वही तय करते थे। योगी आज मुख्यमंत्री हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद देश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। लोकतंत्र में लोकप्रिय और जनप्रिय से बड़ा कोई पैमाना नहीं है। इसी तरह सीपी चंद गोरखपुर में लोकप्रिय के साथ कद्दावर भी हैं। याद रखने वाली बात यह भी है कि सीपी चंद ने 1999 में कैसरगंज से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव भी लड़ा था। यही वजह है कि यह सवाल हमेशा उठता रहा था कि सीपी चंद सपा के थे कब?