16 साल में 100 ठगी, आईपीएस तो कभी एडीएम बनकर करता था ठगी

गाजियाबाद। फर्जी आईपीएस ऑफिसर अमित यादव उर्फ जोगेंद्र सिंह को कविनगर पुलिस ने एक महिला सहित गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपी अमित कभी एडीएम, कभी आईपीएस तो कभी इंस्पेक्टर होने का रौब दिखाकर लोगों को नौकरी देने का झांसा देता था। उसने कई लोगों को दिल्ली पुलिस और होमगार्ड में भर्ती कराने का झांसा देकर साढ़े 9 लाख रुपए ठगे थे। पूर्व में इसी तरह के फ्रॉड में दो बार साल-2011 और 2018 में जेल भी जा चुका है। लेकिन जेल से छूटने के बाद फिर से यही कार्य करने लगा। आरोपी पिछले 16 सालों से लगातार लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम देता आ रहा था। जो कि 100 से अधिक वारदातों को अंजाम दे चुका है।

कविनगर थाना प्रभारी अमित कुमार ने बताया कि अमित यादव उर्फ जोगेंद्र सिंह मूल रूप से फिरोजाबाद जिले में सिरसागंज थाना क्षेत्र के गांव धौसाई का निवासी है। जबकि महिला अभियुक्त राजकुमार पत्नी करन सिंह मसूरी क्षेत्र स्थित आकाश नगर की रहने वाली है। जिसके पास से कई फर्जी दस्तावेज और इंस्पेक्टर की वर्दी बरामद किया गया है।
मोबाइल से कई ऐसी तस्वीरें मिली हैं, जिसमें वह खुद को पुलिस अफसर बताकर लोगों को झांसे में लेता था। अमित ने हापुड़ के नीरज को दिल्ली पुलिस में भर्ती कराने के नाम पर 7 लाख और कविनगर के फूल सिंह को होमगार्ड बनवाने के नाम पर ढाई लाख रुपए ठगे थे। दोनों मामलों में पुलिस को इसकी तलाश थी। आरोपी ने विजय नगर क्रॉसिंग रिपब्लिक एरिया के पते पर एक फर्जी आधार कार्ड बना रखा था।

साल 2006 में अमित ने खुद को पुलिस कॉन्स्टेबल बताकर शादी की। सिपाही नहीं होने का जब पता चला तो 2010 में शादी टूट गई और मैनपुरी पुलिस ने अमित को जेल भेज दिया। साल 2013 में अमित ने महिला सिपाही से दूसरी शादी कर ली और खुद को पिता की मृत्यु के बाद आश्रित कोटे से सब इंस्पेक्टर बताया। महिला ने जब खोजबीन की तो पता चला कि पिता की मृत्यु ही नहीं हुई है। वह झूठ बोल रहा है। 2015 में अमित उर्फ जोगेंद्र ने महिला सिपाही को बताया कि उसका चयन एडीएम पद पर हो गया है और उसे मुरादाबाद में तैनाती मिली है। साल 2016 में अमित उर्फ जोगेंद्र ने आईपीएस में चयन होने और 2017 में ट्रेनिंग पर हैदराबाद जाने की जानकारी दी। 26 अक्टूबर 2018 को अमित ने आईपीएस की पॉसिंग आउट परेड में शामिल होने का नाटक किया।

29 अक्टूबर 2018 को खुद को आईपीएस बताकर अमित ने इटावा जिले में स्वागत समारोह करवाए। जिसमेंं कई इंस्पेक्टर भी शामिल हुए। लेकिन उन इंस्पेक्टरों को नही पता था कि यह सब उसका नाटक है और यह फर्जी है। 1 नवंबर 2018 को इटावा पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान अमित को रोका। उसने खुद को आईपीएस बताया। पुलिस को जब शक हुआ तो सख्ती से पूछताछ हुई तो सारा मामला खुल गया और पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया।

अमित यादव 12वीं पास है। वह फोटो एडिट करने वाले तमाम सॉफ्टवेयर के बारे में इसे अच्छी जानकारी थी। उसी सॉफ्टवेयर की मदद से वह फोटो के चेहरे बदल देता है। कुछ ऐसा ही फ्रॉड करके अमित ने सबको आईपीएस बनने का फोटो दिखाया था। एक तस्वीर में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह चयनित हुए आईपीएस ऑफिसर के साथ फोटो सेशन करा रहे हैं। जिसे अमिन ने एडिट करके अपना चेहरा लगा रखा था।