कपड़ों का कारोबारी बना हथियारों का सौदागर, हवाई जहाज से दुबई भागने की फिराक में था आरोपी, गाजियाबाद पुलिस ने दबोचा

25 सालों से पश्चिमी यूपी व दिल्ली में कर रहा था हथियारों की तस्करी

गाजियाबाद। पश्चिमी यूपी में सबसे बड़े हथियार सप्लायर को गाजियाबाद की क्राइम ब्रांच टीम ने गिरफ्तार किया है। आरोपित पिछले करीब 25 सालों से हथियार तस्करी का कारोबार कर रहा था। जो कि पश्चिमी यूपी में 8 से 10 हजार हथियारों को सप्लाई कर चुका है। अगर अरोपी की माने तो उसका खुद यही कहना है कि साहब हथियारों की इतनी सप्लाई कर चुका है, जिसकी कोई गिनती नही है। आरोपित आज देश छोड़कर विदेश जाने की फिराक में था। लेकिन पुलिस ने समय रहते आरोपी को एयरपोर्ट से दबोच लिया। पकड़ा गया आरोपी पहले बिहार, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखण्ड में दिल्ली व मेरठ से गारमेंट और कपड़े खरीदकर फेरी लगाने का काम करता था। वहीं से आरोपी ने हथियार तस्करी एवं खुद का हथियार तस्करी का कारोबार शुरू कर दिया था। एसपी क्राइम दीक्षा शर्मा ने बताया कि बुधवार सुबह मुखबिर से सूचना मिली मुरादनगर में हथियार फैक्ट्री का मुख्य आरोपी देश छोड़कर दुबई जाने के लिए इंदिरागांधी इंटर नेशनल एयरपोर्ट (आईजीआई) दिल्ली पहुंचने वाला है। सूचना पर कार्रवाई करते हुए क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी, एसआई योगेन्द्र सिंह, अरूण कुमार, सतवीर सिंह, अरूण कुमार वर्मा, जय कुमार सरोहा, स्वर्ण सिंह की टीम को लगाया गया।

टीम ने तत्काल लुकआउट नोटिस जारी कराकर आईजीआई एयरपोर्ट से पहले संपर्क किया और फ्लाईट पर चढऩे से पहले ही एयरपोर्ट के अंदर से हथियार सप्लायर जहीरूद्दीन पुत्र अल्ला राजी निवासी सराय बहलीन खपरैल वाली मस्जिद मेरठ को गिरफ्तार कर उसका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया गया। उन्होंने बताया आरोपी पूर्व में बिहार, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखण्ड में दिल्ली व मेरठ से गारमेंट और कपड़े खरीदकर फेरी लगाने का काम करता था। बिहार के मुंगेर के रहने वाले सादुल्ला से मुलाकात हुई।

मुलाकात के दौरान आरोपी ने वहीं हथियार तस्करी का कारोबार शुरू कर दिया था। मुंगेर से पिस्टल लाने का कारोबार दो से तीन साल तक किया। पहले आरोपी कपड़े की गठरी में छिपाकर हथियारों की तस्करी करता था। शुरुआत में वह दो-तीन पिस्टल मुंगेर से मेरठ ले आता था। एक पिस्टल पर उसे 10 से 15 हजार रुपए की बचत होती थी। जब इस धंधे में उसको अच्छा फायदा दिखने लगा तो हथियारों की मात्रा और बढ़ा दी। जब रूपए एकत्रित हो गये तो फिर खुद की हथियार की फैक्ट्री लगाने के लिए मुरादनगर में प्लॉट खरीदा और हथियार बनाने की फैक्ट्री शुरू कर दी। जिसके बाद आरोपी ने मुंगेर से पिस्टल की बॉडी और स्लाइड मंगवाने लगा और उसको असेंबल अपनी फैक्ट्री में करता था। अच्छा पैसा कमाने पर जहीरुद्दीन ने मुरादनगर क्षेत्र में ही एक और फैक्ट्री खोल ली। हालांकि पिछले दिनों दोनों फैक्ट्रियों पर पुलिस ने छापा मारकर अवैध हथियार बरामद किया था, जिसके बाद से जहीरुद्दीन फरार हो गया था।
क्राइम ब्रांच

प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी अनपढ़ है। लेकिन उसका दिमाग बहुत ही शातिर है। आरोपित पिछले करीब 22 साल तक उसने मुंगेर से हथियार लाकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बेचने का काम किया। जहीरुद्दीन ने कई ठिकाने बताए हैं, उन पर जल्द छापामार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि हथियार सप्लाई के एक केस में जहीरुद्दीन पिछले डेढ़ साल से फरार था। मेरठ और गाजियाबाद पुलिस को उसकी तलाश थी। खबर मिली कि जहीरुद्दीन भारत छोड़कर दुबई भागने की फिराक में है। जिसे गिरफ्तार कर लिया गया।

25 सालों में 8 से 10 हजार हथियारों की पश्चिमी यूपी में तस्करी
जहीरूद्दीन पिछले करीब 22 सालों तक हथियार तस्करी का कारोबार कर रहा था। तीन साल पूर्व उसने मेरठ के नौचंदी, कोतवाली, लिसाड़ी गेट, गाजियाबाद के मुरादनगर क्षेत्र में अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्रियां खोल हुई थी। मेरठ में लगातार कार्रवाई होने के बाद वह गाजियाबाद में आ गया। मुरादनगर में उसने पहले दो प्लॉट खरीदे। फिर उनके ऊपर मकान बनाए। मकान के नीचे बेसमेंट बनाकर उनमें हथियार बनाने की फैक्ट्रियां चलाने लगा था। आरोपित करीब 8 से 10 हजार हथियारों की मेरठ, मुज्जफ्फरनगर, शामली, हापुड़, बुंलदशहर, दिल्ली, अलीगढ़ और गाजियाबाद में तस्करी कर चुका है। आरोपित से पूछताछ की जा रही है।