पति-पत्नी की खौफनाक साजिश, पहले बेटी को मारा फिर सजा से बचने के लिए नौकर की कर दी हत्या, गाजियाबाद पुलिस ने खोले राज

गाजियाबाद। बेटी की हत्या के मामले में दिल्ली की मंडौली जेल गए बाप ने पैरोल पर बाहर आने के बाद आगे की सजा से बचने के लिए फिल्मी स्टाइल में एक मजदूर की हत्या कर दी। इस हत्याकांड में लोनी बॉर्डर थाना पुलिस एवं एसपी देहात की एसओजी टीम ने कार्रवाई करते हुए दोनों पति-पत्नी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने साथ ही इनके कब्जे से हत्या में इस्तेमाल किए जाने वाला चारपाई का पाया,एटलस साइकिल बरामद की है। आरोपियों से पूछताछ के बाद मृतक मजदूर की पहचान बिहार के गया जिले के रहने वाले डोमन रविदास के रूप में हुई। बेटी की हत्या के बाद सजा से बचने के लिए खुद को मृत दिखाने की साजिश रची थी।दिल्ली के करावलनगर के शिव विहार में गली नंबर चार में रहने वाले सुदेश कुमार और पत्नी अनुपमा को गिरफ्तार किया गया। दोनों ने फिल्मी स्टाइल में साजिश रचकर मजदूर की हत्या को अंजाम दिया। सुदेश ने साजिश रची कि किसी और की हत्या कर शव की पहचान मिटा देंगे। पत्नी उसकी पहचान सुदेश के रूप में करेगी जिसके बाद दोनों मकान बेचकर बेटे के साथ दिल्ली छोड़ देंगे। शनिवार को हरसांव स्थित रिजर्व पुलिस लाइन में पत्रकारों से वार्ता करते हुए एसपी देहात डॉ.ईरज राजा ने हत्याकांड का पर्दाफाश किया। उन्होंने बताया कि लोनी बॉर्डर थाना प्रभारी सचिन कुमार एवं एसपी देहात एसओजी टीम ने कार्रवाई करते हुए इन्हें गिरफ्तार किया। एसपी देहात ने बताया कि सुदेश कुमार परचून की दुकान करता है। मार्च 2018 में इसने अपनी 13 साल की बेटी की हत्या कर दी थी, वह एक किशोर के साथ चली गई थी। करावलनगर थाना पुलिस ने सुदेश को बेटी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। दिल्ली की मंडोली जेल से सुदेश को 21 मई 2021 को अंतरिम जमानत मिली थी। बेटी की हत्या के आरोप में सजा सुनाई जानी थीं। इससे बचने के लिए सुदेश ने साजिश रची कि किसी और की हत्या कर शव की पहचान मिटा देंगे। पत्नी उसकी पहचान सुदेश के रूप में करेगी,जिसके बाद दोनों अपना मकान बेचकर बेटे के साथ दिल्ली छोड़ देंगे। साजिश के तहत सुदेश करावल नगर चौपला से डोमन रविदास नाम के कामगार को लेकर आया।

काम कराने के बाद घर पर ही पिलाई शराब 
19 नवंबर की रात काम कराने के बाद शाम को घर पर ही शराब पिलाई। नशे में होने के बाद सुदेश और उसकी पत्नी अनुपमा ने चारपाई के पाए से सिर में वार कर रविदास की हत्या कर दी। इसके बाद सुरेश रविदास के शव को साइकिल पर बोरे में लेकर लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र की इंद्रापुरी कॉलोनी में खाली प्लॉट में ले गया। वहां शव डालकर चेहरा जला दिया। ताकि शव की पहचान न हो सके। शव की पहचान सुदेश के रूप में कराने के लिए उसका आधार कार्ड रविदास की पेंट की जेब में रख दिया था। इसी से पुलिस को शक हुआ। पहचान छिपानी थी तो आधार कार्ड क्यों नहीं निकाला गया। पहले से तय योजना के मुताबिक 10 दिसंबर की रात 11 बजे सुदेश करावलनगर स्थित मकान पर लौटने वाला था। पत्नी से कहा था कि घर की लाइट जलाकर रखना। यदि सब कुछ ठीक हो तो गेट पर सफेद कपड़ा डाल देना। पुलिस पहले से आरोपित की तलाश में उसके घर पहुंच गई और लाइट जलाकर गेट पर सफेद कपड़ा डाल दिया। सुदेश के पहुंचते ही पुलिस ने आरोपित व उसकी पत्नी को दबोच लिया। सुदेश परचून की दुकान करता है। जेल और सजा से बचने के लिए ही इसने खौफनाक घटना को अंजाम दिया।

आधार कार्ड के जरिए सुदेश के घर पहुंची पुलिस 
एसपी देहात ने बताया कि 18 नवंबर को लेबर चौक पर जाकर अपनी कद-काठी के मजदूर दोमन रविदास निवासी जिला गया,बिहार को देखा और काम के लिए घर ले आया। उसी दिन सुदेश ने अपने कपड़े उसे पहनने के लिए दे दिए। 19 नवंबर को काम कराकर शाम को घर पर शराब पिलाई। शराब पिलाकर सुदेश ने पत्नी अनुपमा के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस उसके आधार कार्ड के जरिए सुदेश के घर पहुंची। पत्नी अनुपमा ने मोर्चरी जाकर मृतक की शिनाख्त अपने पति के रूप में की और अंतिम संस्कार भी कर दिया था।मृतक मजूदर के साथियों ने परिजनों को सूचना दी थी। जिसके बाद मजदूर के बेटे ने थाना करावल नगर दिल्ली में आकर घटना के 3 दिन बाद गुमशुदगी दर्ज कराई थी। इस मामले में पुलिस को कुछ शक होने पर छानबीन की गई और इलाके के सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले गए। जिसने आरोपी की कद-काठी का व्यक्ति साइकिल पर बोरा रखकर ले जाता नजर आया।इसके बाद पुलिस ने आरोपी के घर नजर रखी 10 दिसंबर को आरोपी जैसे ही अपने घर पहुंचा तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बताया कि आरोपी 2018 में अपनी बेटी की हत्या के मामले में जेल में बंद था और इस पर मुकदमा चल रहा है,मार्च से पैरोल पर बाहर चल रहा था और 22 दिसंबर को इसे वापस जेल जाना था। जेल जाने से बचने के लिए उसने अपनी पत्नी के साथ मिलकर यह साजिश रची थी। पुलिस ने सुदेश और उसकी पत्नी अनुपमा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।