फर्जी दस्तावेज बनाकर बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में बसाता था मास्टर माइंड

-मुख्य आरोपी समेत दो रोहिंग्य को एटीएस की टीम ने दबोचा

गाजियाबाद। फर्जी दस्तावेज बनाकर बांग्लादेश से भारत में बसाने वाले मास्टर माइंड समेत बांग्लादेश के रहने वाले दो रोहिंग्या को एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉयड (एटीएस) की टीम ने डासना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए दोनों रोहिंग्या नूर आलम एवं आमिर हुसैन है। गाजियाबाद में फर्जी दस्तावेज बनाकर पिछले कई साल से रह रहे थे। मंगलवार को यूपी एटीएस की टीम को उस वक्त बड़ी कामयाबी मिली। जब बांग्लादेश निवासी दो रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार नूर आलम रोहिंग्या को अवैध तरीके से भारत में दाखिल करवाता था और उनके फर्जी दस्तावेज भी बनवाता था। इससे पहले भी वो कई रोहिंग्या को बांग्लादेश से अवैध तरीके से भारत में दाखिल करा चुका हैं। मास्टर माइंड नूर आलम और उसके साथी आमिर हुसैन को गाजियाबाद से सोमवार की शाम गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से यूएनएचसीआर का कार्ड, फर्जी पैनकार्ड,आधार कार्ड और भारतीय मुद्रा बरामद की गई है। उन्हें एटीएस पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी ताकि गैंग के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी की जा सके। एटीएस ने लखनऊ में छह जनवरी 2021 को म्यामार के नागरिकों को गिरफ्तार किया था। उनमें मुख्य रूप से रोहिंग्या अजीजुल्लाह को गिरफ्तार किया गया था। उसके खिलाफ पासपोर्ट एक्ट, धोखाधड़ी, कूटरचना कर फर्जी दस्तावेज तैयार करने का मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप थे कि वह बांग्लादेश से रोहिंग्या नागरिकों को लाकर भारत में बसाने का बड़े पैमाने पर काम कर रहा है। अजीजुल्लाह ने बताया था कि उसका बहनोई नूर आलम उर्फ रफीक ही गैंग का सरगना और मास्टर माइंड है। वहीं लोगों को बांग्लादेश व म्यायांर से लाकर भारत के कई हिस्सों में बसाता है। नूर आलम की एटीएस को जनवरी से ही तलाश थी। मुखबिरों की मदद से उसे शाम 6 बजे डासना से गिरफ्तार किया गया।नूर आलम बांग्लादेश के नयापाड़ा रिफ्यूजी कैंप में रह रहा था। वह मूलत: म्यांमार के क्वायसंग जिला अक्याब का निवासी है और इन दिनों मेरठ के दरबार लबरखास में रह रहा था। वह अपने साथी आमिर हुसैन मूल निवासी जिला मौगंडू म्यांमार को भारत में बसाने की कोशिश में था। नूर आलम के कब्जे से 65,860 रुपए और आमिर हुसैन से 4800 रुपए, मोबाइल बरामद किए गए।