मैं अपने आप को अनाथ महसूस कर रहा हूं : पारीक

अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी को दी श्रद्धांजली

उदय भूमि ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दूसरी पुण्यतिथि के मौके पर अखिल भारतवर्षीय ब्राहण महासभा ने श्रद्धांजली दी। महासभा के राष्टÑीय अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री के हम साया रहे शिव कुमार पारीक ने कहा कि 60 वर्ष उनके साथ रहने का सौभाग्य मिला। आज उनकी पुण्यतिथि है। सबसे पहले उस पुण्य आत्मा को नमन। आज सब कुछ सुना लग रहा है। मैं अपने आप को अनाथ महसूस कर रहा हूं, लेकिन जैसा वो कहा करते थे कि हार नहीं मानूंगा तो हार नहीं मान रहा।

1- भारत रत्न अटल एवं आडवाणी के साथ शिव कुमार पारीक। : फाइल फोटो

अटल जी को याद करते हुए शिव कुमार पारीक ने कहा कि जब उनका स्वास्थ्य बहुत ज्यादा खराब था वो अस्पताल में थे। आॅल इंडिया मेडिकल के डॉक्टर गुलेरिया जो मेरे भी डॉक्टर हैं उनको 20 सालों से देख रहे थे, वो 16 अगस्त की सुबह अस्पातल देख कर आए और मुझे बोले कि शिव कुमार अब तुम चले जाओ, उनको देखने। मैंने कहा कि सभी रिश्तेदारों को पहले मिलवा देता हूं। सभी को मिलवा दिया। करीब 4 बजे मैं अन्दर गया तो उनकी रजाई को ऊपर करके उनके पैरों पर मृष्तिक रखकर प्रणाम किया। फिर बाईं तरफ आकर कमर को सहलाने लगा। हाथ मैंने पकड़ रखा था, ठण्डा हो रहा था। मुझे ऐसा लगा कि उनकी आंखें ब्लिंक कर रही थीं। डॉक्टर सामने खडा था जो हाथ मेरा उन्होंने पकड़ा आखिर तक छोड़ा ही नहीं। ये बहुत बड़ी बात है कि किसी को पता भी नहीं है कि उनकी अंतिम सांसें मेरे हाथ में ही गईं। सच्चे राष्टÑप्रेमी और पुण्यआत्मा को शत् शत् नमन।

एक कार्यक्रम में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के साथ तरुण मिश्र। : फाइल फोटो

अटल बिहारी को श्रद्धांजली देते हुए अखिल भारतवर्षीय ब्राहण महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण मिश्र ने कहा कि आज तक मैं जो कुछ भी अच्छा कर पाया उसके प्रेरणाश्रोत अटल जी रहे हैं। अटल जी की कही हुई सभी बातें आज भी कानों में गुंजती है। अटल जी ने विरोधी बनाए, लेकिन कोई उनका दुश्मन नहीं था। यही वजह है कि उनकी मृत्यु पर विरोधी भी खूब रोए हैं। अटल जी की याद आते ही मेरी आंखें नम हो जाती हैं और मैं उस महान पुरुष का कृतज्ञ हो जाता हूं जिसने मैथिली भाषा को संविधान की अष्टम सूची में स्थान दिया। मिथिलांचल से आए हुए एक प्रतिनिधिमंडल के साथ में अटल जी से मिला था और कहा कि आप पूछते हो ना कि तुम्हारा क्षेत्र पिछड़ा हुआ क्यों है तो इसकी एक वजह यह भी है कि हमारी भाषा समृद्ध होने के बावजूद उसके साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। आज मैं उस पुण्यआत्मा के चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। ब्राहण महासभा महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्षा दिग्विजय दीक्षित, महासभा के राष्टÑीय संगठन मंत्री विशन कुमार कौशिक, मंत्री हरिओम शर्मा, संगठन मंत्री देवदत्त शर्मा, राष्टÑीय मंत्री बृजमोहन शर्मा ने पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजली दी।