इंद्रप्रस्थ व कोयल एंक्लेव से नदारद कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई: अतुल वत्स

-समाजवादी आवास के टावरों और कोयल एंक्लेव का जीडीए वीसी ने किया निरीक्षण
– टावरों में अनुरक्षण का कार्य करने वाले कर्मचारी रहे अनुपस्थित

गाजियाबाद। जीडीए की इंद्रप्रस्थ आवासीय योजना में समाजवादी आवास के टावर और कोयल एन्क्लेव योजना में कार्यरत कर्मचारियों के नदारद होने और अनुबंधित फर्म द्वारा कर्मचारियों को नहीं लगाए जाने पर अब कार्रवाई होगी। गुरुवार को जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स शिकायत मिलने पर इंद्रप्रस्थ योजना में समाजवादी आवास के टावरों और कोयल एन्क्लेव योजना में औचक निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे। दरअसल, जीडीए उपाध्यक्ष से उनके कार्यालय में मिलकर पिछले दिनों वहां रहने वाली एक महिला व पुरूष ने कर्मचारियों के उपस्थित नहीं रहने की शिकायत दी थी। यह मामला संज्ञान में आने के बाद जीडीए उपाध्यक्ष गुरुवार को दोनों आवासीय योजना में औचक निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। जीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि कोयल एन्क्लेव योजना के जीएच-9,10,11 व 12 टावरों का मौके पर जाकर निरीक्षण किया गया।

निरीक्षण के दौरान पाया गया कि टावरों में अनुरक्षण का कार्य करने वाले अनुबंधित फर्म द्वारा वहां पर जितने कर्मचारी को लगाया जाना चाहिए था। वह वहां पर कार्यरत नहीं है। इनमें से किसी भी टावर पर सुरक्षा के लिए गनमैन नहीं मिला। जबकि वहां पर कुशल गार्ड 6 तैनात होने चाहिए। मौके पर सिर्फ दो गार्ड ही पाए गए। इसके अलावा टावरों में अन्य सुविधाएं देने के लिए इन कर्मचारियों में जैसे प्लंबर, लिफ्ट ऑपरेटर, सफाई कर्मचारी आदि भी वहां से नदारद मिले। जीडीए उपाध्यक्ष ने इसके बाद इंद्रप्रस्थ योजना का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान इंद्रप्रस्थ योजना में पाया गया कि योजना के परिक्षेत्र में अनावश्यक रूप से निर्माण सामग्री डाली गई है। वहां पर साफ-सफाई की कोई समुचित व्यवस्था नहीं पाई गई है। वहां रहने वाले लोगों ने जीडीए उपाध्यक्ष को अवगत कराया कि पानी की टंकियों की साफ -सफाई लंबे समय से नहीं हुई हैं।

टावर में एक सुरक्षाकर्मी उपस्थित था। मगर जीडीए के किसी भी अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा इससे पहले निरीक्षण नहीं किए गए। इसका ऐसा कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं मिला। इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था भी नहीं मिली। जीडीए उपाध्यक्ष ने औचक निरीक्षण करने के बाद लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके अलावा योजना के अनुरक्षण के लिए उत्तरदायी अधिकारियों पर गलत संस्तुति करने के लिए जांच के आदेश दिए है। ताकि इनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकें।