सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से पीछे हटे भूपिंदर मान

पत्र लिख किया ऐलान, जारी किसान आंदोलन

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन जारी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाने के बावजूद आंदोलनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। इस बीच भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व राज्य सभा सांसद भूपिंदर सिंह मान ने कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित 4 सदस्यीय कमेटी से खुद को अलग कर लिया है। मान ने वीरवार को यह घोषणा की। किसान नेता भूपिंदर सिंह मान ने पत्र में कहा है कि वह हमेशा पंजाब और किसानों के साथ खड़े हैं। एक किसान और संगठन का नेता होने के नाते वह किसी भी पद का त्याग करने को तैयार हैं। वह पंजाब और देश के किसानों के हितों के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे। इसलिए वह समिति से खुद को अलग कर रहे हैं। मान द्वारा कमेटी से खुद को अलग करने के बाद अब कमेटी में सिर्फ 3 सदस्य रह गए हैं। इनमें अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान के डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, कृषि अर्थशास्त्री तथा कृषि लागत और मूल्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशोक गुलाटी, शेतकारी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवत शामिल हैं। उधर, ऑल इंडिया किसान कॉर्डिनेशन कमेटी के प्रवक्ता विनोद आनंद का आरोप है कि भूपेंद्र मान को निरंतर धमकी मिल रही थीं। कमेटी के दूसरे सदस्यों को भी इसी प्रकार के कॉल आ रहे हैं। उन्हें भी इस तरह के धमकी भरे कई फोन आ चुके हैं। इसके मद्देनजर भूपेंद्र मान ने भी कमेटी छोडऩे का ऐलान किया होगा। बता दें कि दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान बैठे हैं। उनका कहना है कि जब तक कृषि कानूनों को निरस्त नहीं किया जाता वह घर नहीं जाएंगे। किसानों और सरकार के मध्य विवाद दूर करने के लिए ही सुप्रीम कोर्ट ने विशेष कमेटी का गठन किया है।