नगर निगम बोर्ड बैठक में भाजपा का दांव फेल सफल रही विपक्षी एकता कार्यकारणी के लिए भाजपा के 9 कांग्रेस सपा एवं निर्दलीय पार्षद का हुआ चुनाव

नगर निगम की पहली बोर्ड बैठक में मेयर सुनीता दयाल कार्यकारिणी चुनाव निर्विरोध कराने में सफल हुई। लेकिन बैठक के दौरान विपक्षी एकता ने भाजपा को बैकफुट पर ला दिया। कार्यकारिणी सदस्यों के लिए हुए चुनाव में भाजपा को मिले इस झटके के लिए पार्टी के जनप्रतिनिधियों के बीच तालमेल की कमी, खेमेंबाजी और एक दूसरे के प्रति द्वेषभाव को माना जा रहा है। भाजपा पार्षद भी कई खेमे में बंटे हुए हैं। कुछ पार्षद मेयर समर्थक हैं तो कुछ विधायक के समर्थक हैं, वहीं कुछ सांसद के प्रति लॉयल (वफादार) हैं। ऐसे में आगे भी नगर निगम में भाजपाईयों के बीच आपसी खींचतान की झलक दिखाई देगी और मेयर सुनीता दयाल को कई मोर्चों पर अपनों से टकराना होगा।

विजय मिश्रा (उदय भूमि ब्यूरो)
गाजियाबाद। नगर निगम की पहली बोर्ड बैठक में मेयर सुनीता दयाल कार्यकारिणी चुनाव निर्विरोध कराने में सफल हुई। लेकिन बैठक के दौरान विपक्षी एकता ने भाजपा को बैकफुट पर ला दिया। नगर निगम बोर्ड में सिर्फ 3 सदस्य वाली कांग्रेस और 5 सदस्य वाली समाजवादी पार्टी अपने एक-एक सदस्य को कार्यकारिणी में भेजने में सफल रही। वहीं, एक निदर्लीय पार्षद भी कार्यकारिणी के लिए चुने गये। कार्यकारिणी सदस्य बनने के लिए 8 से 9 सदस्यों का समर्थन चाहिये था। ऐसे में सिर्फ 3 और 5 सदस्य वाली कांग्रेस और भाजपा की जीत विपक्षी एकता की सफलता मानी जा रही है। नगर निगम में भाजपा के 67 सदस्य चुने गये हैं। स्थानीय सांसद, विधायक और एमएलसी भी नगर निगम बोर्ड के सदस्य होते हैं और चुनाव में इन्हें वोट डालने का अधिकार होता है। 16 निदर्लीय प्रत्याशी चुनाव जीतकर पार्षद बने हैं, इनमें से अधिकांश भाजपा के बागी हैं। इसी समीकरण को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने एक रणनीति के तहत निगम कार्यकारिणी में 10 सदस्यों को भेजने की प्लानिंग की थी। लेकिन भाजपा की यह प्लानिंग असफल हुई और एक सदस्य को नाम वापस लेना पड़ा। कार्यकारिणी सदस्यों के लिए हुए चुनाव में भाजपा को मिले इस झटके के लिए पार्टी के जनप्रतिनिधियों के बीच तालमेल की कमी, खेमेंबाजी और एक दूसरे के प्रति द्वेषभाव को माना जा रहा है। भाजपा पार्षद भी कई खेमों में बंटे हुए हैं। कुछ पार्षद मेयर समर्थक हैं तो कुछ विधायक के समर्थक हैं, वहीं कुछ सांसद के प्रति लॉयल (वफादार) हैं। ऐसे में आगे भी नगर निगम में भाजपाईयों के बीच आपसी खींचतान की झलक दिखाई देगी और मेयर सुनीता दयाल को कई मोर्चों पर अपनों से टकराना होगा।


शुक्रवार को नगर निगम की पहली बोर्ड बैठक में कार्यकारिणी के 12 सदस्यों के निर्विरोध निर्वाचित होने के बाद कार्यकारिणी सदस्यों का कोरम पूरा हो गया। नगर निगम कार्यकारिणी के लिए सभी सदस्यों का चुनाव निर्विरोध हुआ। कार्यकारिणी के इन सदस्यों में भाजपा के 9 सदस्य, कांग्रेस-1, सपा-1 व निर्दलीय एक सदस्य शामिल हैं। कांग्रेस के सदन में सिर्फ तीन पार्षद हैं, जबकि सपा के पांच है। बसपा की ओर से किसी पार्षद ने दावेदारी नहीं की। निर्दलीय एक पार्षद ने मैदान में ताल ठोंक दी। खास बात यह है कि नगर निगम सदन में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में होने के चलते 67 पार्षद है। मगर शुक्रवार को नगर निगम कार्यकारिणी के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस, सपा व निर्दलीय भाजपा पर भारी पड़ गए। भाजपा की ओर से जहां 10 पार्षदों को कार्यकारिणी में भेजने के लिए प्रत्याशी बनाए गए थे। वहीं, कांग्रेस और सपा व निर्दलीय पार्षद के ताल ठोंक देने के बाद कार्यकारिणी के लिए कुल 13 पार्षद मैदान में डट गये। इसी बीच मेयर सुनीता दयाल ने सूझबूझ का परिचय देते हुए नया दांव चला। मेयर ने कहा कि कार्यकारिणी सदस्य का चुनाव निर्विरोध होना चाहिये। इससे अच्छा संदेश जाएगा। ऐसे में कोई एक सदस्य अपना नामांकन वापिस ले लें। मेयर के आहवान पर भाजपा पार्षद प्रत्याशी धीरज अग्रवाल ने नाम वापस ले लिया। इसके बाद सभी 12 सदस्यों को निर्वाचित घोषित कर दिया गया।


सुबह साढ़े 10 बजे निगम की पहली बोर्ड बैठक की शुरूआत हुई। मेयर सुनीता दयाल और नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ व सभी पार्षदों और नगर निगम अधिकारियों की मौजूदगी में वंदेमातरम गान के साथ बैठक की शुरूआत हुई। इसके बाद सभी सदस्यों ने अपना परिचय दिया। इसके बाद कार्यकारिणी सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई। निगम कार्यकारिणी चुनाव अधिकारी एवं मुख्य लेखा परीक्षक विवेक सिंह ने चुनाव कार्यक्रम के तहत 10:50 बजे से 11.20 बजे तक प्रत्याशियों को नामांकन पत्र दिए। इसके बाद 11.20 बजे से 11.50 बजे तक नामांकन पत्र भरकर पार्षदों ने जमा कराए। 12.20 बजे तक नामांंकन पत्रों की जांच की गई। नामांकन पत्रों की जांच में सभी के नामांकन पत्र सही पाए गए। इसके बाद 12.45 बजे तक नामांकन वापस का समय रखा गया था। महापौर सुनीता दयाल ने नामांकन वापसी के समय पूरा होने के बाद 12.53 बजे मतदान नहीं कराए जाने का आहवान करते हुए कहा कि भाजपा के प्रत्याशी धीरज अग्रवाल का नाम वापसी लिया जाता है। खुद पार्षद ने भी सदन में अपना नाम वापस लेने की घोषणा कर दी। इसके बाद सभी 12 पार्षद निर्वाचित घोषित कर दिए गए। नगर निगम कार्यकारिणी चुनाव के चलते निगम परिसर में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रहीं। डीएफएमडी मशीन से चेकिंग के बाद पार्षदों को अंदर जाने दिया गया।वहीं,सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने को लेकर एसीपी नंदग्राम रवि कुमार सिंह,सिहानी गेट थाना प्रभारी निरीक्षक नरेश कुमार शर्मा, अपर नगर मजिस्ट्रेट चंद्रेश कुमार सिंह से लेकर एलआईयू की टीम व दारोगा,सिपाही समेत भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रहीं। शांतिपूर्ण तरीके से निगम कार्यकारिणी सदस्यों का अंतिम समय पर चुनाव संपन्न हो गया। नगर निगम बैठक में अपर नगर आयुक्त अरूण कुमार यादव, अपर नगर आयुक्त शिवपूजन यादव, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव कुमार सिन्हा, उद्यान प्रभारी डॉ. अनुज सिंह, चीफ इंजीनियर एनके चौधरी, प्रवर्तन दल प्रभारी कर्नल दीपक शरण, जीएम जलकल आनंद त्रिपाठी, नगर स्वास्थ अधिकारी डॉ. मिथलेश, एग्जयूकेटिव इंजीनियर फरीद अख्तर जैदी, देशराज सिंह, एएओ जेपी सिंह, विमलकांत सिंह, रोहताश शुक्ला, भोलानाथ आदि मौजूद रहे।

मेयर के ऐन वक्त पर लिए गए निर्णय ने बदले समीकरण
नगर निगम कार्यकारिणी के लिए शुरू हुई नामांकन प्रक्रिया व मतदान की नौबत के आने से पहले ही मेयर सुनीता दयाल के ऐन वक्त पर लिए गए निर्णय ने समीकरण ही बदल दिया। ऐसे में विधिवत रूप से 12 सदस्यों के निर्विरोध चुने जाने के बाद कार्यकारिणी का गठन हो गया। कार्यकारिणी चुनाव के तहत 13 पार्षद प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र भरे गए। लेकिन नाम वापसी के अंतिम समय महापौर सुनीता दयाल के आहवान पर भाजपा की ओर से घोषित किए गए वार्ड-81 से पार्षद धीरज अग्रवाल ने अपना नाम वापसी ले लिया। ऐसे में 12 सदस्यों का निर्वाचन निर्विरोध रूप से हुआ। राजीव शर्मा, प्रवीण चौधरी, विनय चौधरी सहित कई अन्य भाजपा पार्षदों ने विपक्षी खेमे से एक नाम वापिस कराने के लिए खूब जतन किये। लेकिन उनका प्रयास सफल नहीं हुआ। अंतिम समय में मेयर सुनीता दयाल के आहवान पर एक पार्षद ने अपना नाम वापस लिया।

निगम कार्यकारिणी सदस्यों की सूची
पार्टी का नाम- वार्ड- सदस्य का नाम
भाजपा- वार्ड 59 – राजीव शर्मा
भाजपा- वार्ड 84 – प्रवीण चौधरी
भाजपा- वार्ड 09 – शीतल देओल
भाजपा- वार्ड 56 – मनोज त्यागी
भाजपा- वार्ड 89 – राजकुमार सिंह
भाजपा- वार्ड 76 – गौरव सोलंकी
भाजपा- वार्ड 20 – यशपाल पहलवान
भाजपा- वार्ड 10 – रेखा गोस्वामी
भाजपा- वार्ड-70 – रामनिवास बंसल
कांग्रेस- वार्ड-67 – अजय शर्मा
सपा – वार्ड 90 – आदिल मलिक
निर्दलीय-वार्ड 33 – धीरेंद्र यादव बिल्लू

भूमि पर कब्जा व अतिक्रमण करने वालों को भेजा जाएगा जेल:महापौर
नगर निगम की पहली बोर्ड बैठक में कार्यकारिणी चुनाव के समापन होने के बाद महापौर सुनीता दयाल ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि निगम की सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वाले व अतिक्रमण करने वालों को जेल भेजा जाएगा। इसके लिए सख्त से सख्त कार्रवाई से परहेज नहीं किया जाएगा। चुनाव संपन्न होने के बाद महापौर सुनीता दयाल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कार्यकारिणी के चुनाव को पारदर्शी और निष्पक्ष कराना लक्ष्य था। वोटों के लिए खरीद फरोख्त शुरू हो गई थी। इस वजह से अंतिम समय में अपने ही एक प्रत्याशी को चुनाव मैदान से हटाकर निर्विरोध चुनाव कराया।

कर्नल को देख बाहर निकल गये भाजपा अध्यक्ष
नगर निगम की पहली बोर्ड एवं कार्यकारिणी के सदस्यों के लिए होने वाले चुनाव से पहले शुक्रवार को नगर निगम सभागार में आयोजित बैठक के दौरान सदन में भाजपा नेताओं से लेकर पार्षद पति एवं काफी संख्या में बाहरी लोग भी पहुंच गए। जबकि सदन में जाने से पहले गेट के बाहर ही बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई थी। 100 पार्षदों के अलावा इसमें कई गैर पार्षद भी सदन में पहुंच गए। भाजपा के महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा, पूर्व पार्षद विजय मोहन समेत कई अन्य नेता सदन की कार्रवाई के दौरान मौजूद थे। मेयर सुनीता दयाल ने बैठक के शुरूआत में मंच से कहा कि सदन में पार्षद के अलावा कोई नहीं बैठेगा। जो बाहरी लोग हैं एवं बैठक में शामिल होने के लिए अधिकृत नहीं हैं वह सभी बाहर चले जाये। फिर भी बाहरी लोग डटे रहे। मेयर के निर्देश पर नगर निगम के प्रवर्तन दल प्रभारी कर्नल दीपक शरण पुलिस फोर्स के सदन में पहुंच गए। सदन में पुलिस के पहुंचते ही पार्षदों में कई तरह की सुगबुगाहट शुरू हो गई। कई पार्षदों ने कहा कि पुलिस सदन में नहीं आ सकती। सदन में काफी संख्या में बाहरी लोगों का कब्जा देख प्रवर्तन दल प्रभारी कर्नल दीपक शरण ने सभी को वहां से हटाना शुरू किया। उन्होंने कार्यकारिणी कक्ष में बैठे भाजपा के महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा समेत सभी को बाहर कर दिया। इस दौरान सदन से बाहर जाने को लेकर पुलिस और पूर्व पार्षद सुनील यादव के बीच नौंक-झौंक भी हुई। हालांकि बाद में पूर्व पार्षद बाहर चले गए।

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