सिर्फ 73 रुपए में बिक गई बिजनेस टाईकून की 2 अरब डॉलर की कंपनी

भारतीय मूल के यूएई बेस्ड उद्योगपति बीआर शेट्टी सड़क पर आए

नई दिल्ली। 2 अरब डॉलर की नामचीन कंपनी की वैल्य (हैसियत) गिरकर क्या सिर्फ 1 डॉलर हो सकती है? सुनने में यह बेशक अटपटा लगे, मगर उद्योग जगत में कब क्या हो जाए, कहना मुश्किल है। उद्योग जगत में यह मुमकिन हो गया है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) बेस्ड भारतीय मूल के मिलेनियर बीआर शेट्टी की फिनाब्लर पीएलसी अपना कारोबार सिर्फ 73.52 रुपए में बेचने को मजबूर है। यह सौदा इजराइल-यूएई कंजोर्टियम के बीच हो गया है। यह खबर उद्योग जगत के लिए बेहद चौंका देने वाली है। समय खराब होने पर अर्श से फर्श पर आने का यह ताजा उदाहरण चर्चाओं में है। नामचीन कारोबारी बीआर शेट्टी की खराब दिनों की शुरुआत पिछले साल से हो गई थी। शेट्टी की कंपनियों पर कई अरब डॉलर का कर्ज है। फर्जीवाड़े की जांच भी शेट्टी के खिलाफ आरंभ हो गई है। पिछले दिसंबर में बीआर शेट्टी के कारोबार की मार्केट वैल्यू 1.5 बिलियन पाउंड ($2 बिलियन) रह गई थी। शेट्टी पर लगभग एक अरब डॉलर का कर्ज बताया जा रहा था। शेट्टी की फाइनेंशियल सर्विस कंपनी फिनाब्लर ने घोषणा की कि वह ग्लोबल फिनटेक इंवेस्टमेंट्स होल्डिंग के साथ समझौता कर रही है। जीएफआईएच इजराइल के प्रिज्म ग्रुप की सहयोगी कंपनी है, जिसे फिनाब्लर पीएलसी लि. अपनी सारी संपत्ति बेच रही है। इजराइल के पूर्व प्रधानमंत्री एहुद ओलमर्ट से जुड़े प्रिज्म ग्रुप ने लेन-देन के संबंध में अबू धाबी के रॉयल स्ट्रेटेजिक साझेदार के साथ एक कंजोर्टियम भी गठित किया है। पिछले साल दिसंबर में फिनाब्लर की मार्केट वैल्यू 2 बिलियन थी। कंपनी द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक उस पर 1 बिलियन से ज्यादा का कर्ज है। सूत्रों का कहना है कि यह सौदा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इजराइल की कंपनियों के मध्य महत्वपूर्ण वाणिज्यिक लेन-देन को लेकर भी है, क्योंकि दोनों देशों ने इस साल की शुरुआत में सामान्यीकरण समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। उस दौरान से बैंकिंग से लेकर मोबाइल फोन सेवाओं तक जैसी डीलों पर दोनों देशों के हस्ताक्षर हैं। फिनाब्लर पीएलसी के अलावा बीआर शेट्टी की अबु धाबी स्थित कंपनी एनएमसी स्वास्थ्य के शेयरों में दिसंबर में 70 प्रतिशत की गिरावट देखी गई थी। मिलेनियर शेट्टी की कंपनियों के खिलाफ फजीवाड़े के भी आरोप लगे हैं। ऐसे में उनकी कंपनियों की प्रतिष्ठा पूरी तरह से बाजार से गायब हो चुकी है। कोई कंपनी उनके कारोबार में निवेश करने को तैयार नहीं थी। ऐसे में 2 देशों के मध्य बने कंजोर्टियम ने डूब चुकी कंपनी को लेने का निर्णय किया है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हेल्थ केयर इंडस्ट्री में मोटी संपत्ति बनाने वाले 77 साल के शेट्टी पहले भारतीय हैं। उन्होंने 1970 में एनएमसी हेल्थ की शुरुआत की थी, जो आगे चलकर साल 2012 में लंदन स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने से पहले देश की अपने तरह की पहली कंपनी बनी। 70 के दशक में शेट्टी सिर्फ 8 डॉलर लेकर यूएई पहुंचे थे। बाद में उन्होंने मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (एमआर) के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। आज न केवल शेट्टी की कंपनी डूब गई है बल्कि उनकी साख पर भी बट्टा लग गया है।