मुख्यमंत्री योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का जल्द होगा शिलान्यास

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा और खूबसूरत एयरपोर्ट होगा। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह की कड़ी मेहनत का परिणाम है कि निर्धारित अवधि में प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप एयरपोर्ट निर्माण से संबंधित सभी कार्यों को पूरा किया गया है।

विजय मिश्रा (उदय भूमि ब्यूरो)
ग्रेटर नोएडा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट को यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने अंजाम तक पहुंचा दिया है। जेवर में बनने वाले नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शिलान्यास से पहले की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। एक सप्ताहभर के भीतर इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाने की संभावना जताई जा रही है। पहले चरण में बाउंड्रीवाल, वाईआईएपीएल का दफ्तर और एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) की बिल्डिंग बनाई जाएगी। नियाल के बाद यमुना प्राधिकरण ने भी मास्टर प्लान को पास कर दिया। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा और खूबसूरत एयरपोर्ट होगा। एयरपोर्ट कितना विशाल होगा इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां कुल 8 रनवे होंगे। अंदाजा है कि एयरपोर्ट की शुरुआत में ही यह देश के अति व्यस्त एयरपोर्ट में शुमार हो जाएगा और यहां से एक साल में लगभग सवा करोड़ यात्री सफर करेंगे।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर के पहले चरण का मास्टर प्लान यमुना प्राधिकरण ने पास कर दिया है। एयरपोर्ट का मास्टर प्लान नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) बोर्ड में पास होने से पहले एयरपोर्ट अथॉरिटी आॅफ इंडिया और डायरेक्टर जनरल आॅफ सिविल एविएशन (डीजीसीए), मिनिस्ट्री आॅफ सिविल एविएशन (मोका) के पास भेजा गया था। इन एजेंसियों ने मास्टर प्लान में कुछ जरूरी सुझाव दिए थे। इन सुझावों को शामिल कर संबंधित एजेंसियों को पुन: मास्टर प्लान भेजा गया था। इन एजेंसियों से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद गत 13 अगस्त को मास्टर प्लान को नियाल के बोर्ड में रखा गया। बोर्ड ने इस मास्टर प्लान पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी। बोर्ड ने यह भी कहा कि मास्टर प्लान को यमुना प्राधिकरण अपने बोर्ड में स्वीकृत कराए। बाद में यमुना प्राधिकरण ने अपने बोर्ड (परिचालन बैठक) में मास्टर प्लान को पेश किया।

बोर्ड ने इसे स्वीकृत कर दिया था। इस दौरान बोर्ड ने देखा कि उनके अधिसूचित क्षेत्र में जहां पर नागरिक उड्डयन के लिए जगह थी, वहां पर यह साइट है। इसके अतिरिक्त बिल्डिंग बाइलाज के अनुसार यह मास्टर प्लान है। ग्राउंड कवरेज और एफएआर भी नियमों के अंतर्गत है। विकास कर्ता कंपनी से 3 माह में अपनी कार्ययोजना प्रस्तुत करने को कहा गया है। संभावना है कि कंपनी जल्द से जल्द कार्ययोजना तैयार कर नियाल को सौंप देगी। यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि विकास कर्ता कंपनी को व्यावसायिक गतिविधियों के लिए अलग से मानचित्र स्वीकृत कराना होगा। यदि कंपनी वहां पर होटल, व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स इत्यादि का निर्माण करती है तो उसके लिए अलग से मानचित्र स्वीकृत कराना होगा। विकास कर्ता कंपनी वाईआईएपीएल एयरपोर्ट के निर्माण के लिए एजेंसी का चयन कर रही है। यह प्रक्रिया अब अंतिम दौर में है। कंपनी की कोशिश है कि अगले सप्ताहभर के भीतर निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाए।

रंग लाए डॉ. अरुणवीर सिंह के भगीरथ प्रयास


यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह की कड़ी मेहनत का परिणाम है कि निर्धारित अवधि में प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप एयरपोर्ट निर्माण से संबंधित सभी कार्यों को पूरा किया गया है। डॉ. अरुणवीर सिंह का हमेशा यह फोकस रहा कि एयरपोर्ट निर्माण की विकास योजना के दौरान किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। एयरपोर्ट निर्माण से प्रभावित किसानों के पुनर्वास के लिए जिस तेजी से काम किया गया, उसकी सराहना भी आस-पास के गांवों में खूब हो रही है।

एयरपोर्ट पर मिलेगी हाईस्पीड रेल और पॉड टैक्सी सेवा
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर को हाईस्पीड ट्रेन और पॉड टैक्सी सेवा से भी जोड़ा जाएगा। इसकी योजना पर मंथन हो चुका है। योजना के मुताबिक भविष्य में एयरपोर्ट को हाईस्पीड ट्रेन के जरिए दिल्ली, मथुरा, आगरा, कन्नौज, लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी से जोड़ा जाएगा। फिल्म सिटी से एयरपोर्ट के बीच पॉड टैक्सी सेवा भी शुरू करने की योजना है। यह देश की पहली पॉड टैक्सी सेवा होगी।

आस-पास के क्षेत्रों का भी होगा भाग्योदय
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर के अस्तित्व में आने से आस-पास के क्षेत्र का भी भाग्योदय होगा। नजदीकी क्षेत्रों में विकास की रफ्तार उड़ान भर सकेगी। एयरपोर्ट के पास एयरोसिटी विकसित करने की महत्वपूर्ण योजना है। एयरोसिटी में मल्टीप्लेक्स, शॉपिंग मॉल, पब, कन्वेंशन सेंटर और हाईटेक मंडी भी बनाई जाएगी। एयरपोर्ट बनने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। लाखों की संख्या में जरूरतमंदों को रोजगार मिल सकेगा।

भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया से किसान खुश
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर के पहले चरण में 1334 हेक्टेयर भूमि का इस्तेमाल होना है। इसके लिए भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है। प्रोजेक्ट के लिए ग्राम रन्हेरा, पारोही, रोही, किशोरपुर, बनवारीवास व दयानतपुर के किसानों से 1239 हेक्टेयर भूमि ली गई है। एयरपोर्ट के लिए किसानों से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया बेहद सौहार्द पूर्ण माहौल में हुई है। अधिग्रहण प्रक्रिया में किसी प्रकार की अड़चन पैदा नहीं हुई है। यमुना प्राधिकरण को लेकर किसानों का बड़ा ही सकारात्मक रूख है और वह एयरपोर्ट को लेकर काफी खुश हैं।

एयरपोर्ट की कमाई से दूर होगा आर्थिक संकट
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर की कमाई से जनपद गौतमबुद्ध नगर के तीनों प्राधिकरण का आर्थिक संकट भी दूर हो सकेगा। यह कमाई सालाना एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा होने की संभावना है। एयरपोर्ट पर 2024 से हवाई उड़ान का परिचालन शुरू हो जाएगा। एयरपोर्ट डेवलप करने वाली कंपनी को 40 साल का कांन्ट्रेक्ट मिला है। पहले 7 साल तक कंपनी अपनी लागत वसूल करेगी। इसके बाद होने वाली कमाई में प्रदेश सरकार, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी को भी हिस्सा मिलेगा।