क्राइम ब्रांच ने किया अन्तर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, जियो, एयरटेल के टॉवरों से करते थे चोरी

-जियो, एयरटेल के टॉवरों के उपकरण चोरी करने वाले टेक्नीशियन, कबाड़ी समेत 10 शातिर गिरफ्तार

गाजियाबाद। मोबाइल टावरो से चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का क्राइम ब्रांच की टीम ने पर्दाफाश करते हुए टावर कंपनियों के टेक्नीशियन, कबाड़ी समेत 10 शातिरों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी गाजियाबाद, नोएडा व दिल्ली, एनसीआर में जियो, एयरटेल कंपनी के लगे मोबाइल टावरों से बैटरी, आरआरयू यूनिट व अन्य उपकरण चोरी की वारदात को अंजाम देते थे। गिरोह में शामिल आधा दर्जन मोबाइल टावर कंपनियों में टेक्नीशियन काम करते थे। पकड़े गए आरोपी एक दर्जन से अधिक वारदातों को अंजाम दे चुके है। जिनके कब्जे से क्राइम ब्रांच की टीम ने 1 जियो व चार एयरटेल कंपनी के मोबाइल टावर की 8 बैटरी, 6 लोहे के कवर, 6 बैटरी के सेल कवर, चोरी में प्रयुक्त उपकरण व घटना में प्रयुक्त वैगनआर कार बरामद किया गया है।

शुक्रवार को घटना का खुलासा करते हुए एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया शुक्रवार को क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी की टीम ने शुक्रवार सुबह मुखबिर की सूचना पर कन्हैया पुत्र बनवारी निवासी ग्राम राजागढी जनपद मथुरा, रवि पुत्र महीपाल सिंह, कपिल पुत्र स्व: कृपाल सिंह, करण पुत्र खुशीराम निवासी, कोमल पुत्र रामकिशन सिंह निवासी गौतम बुद्ध नगर, वसीम पुत्र मोहम्मद उमर, आसिफ पुत्र नूर इलाही, शहबाज पुत्र जहीर मलिक, इजराइल पुत्र मीनू, शाहरूख पुत्र इकबाल निवासी मुरादनगर गाजियाबाद को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया आरोपी कन्हैया व इजराइल का मोबाइल टावर से उपकरण चोरी करने का एक संगठित गिरोह है। जिसमें शाहरूख, रवि, करण, कोमल, कपिल, वसीम, आसिफ व शहबाज है। कन्हैया, रवि, करण, कोमल व कपिल के साथ मोबाइल टावर कंपनियों में टेक्नीशियन का काम करते है।

जो पहले जाकर टावर चिन्हित कर लेते है, फिर कन्हैया व इजराइल को बताते थे। उसके बाद सभी लोग टावर पर जाकर मौका मिलते ही उसमें से बैटरी, रेडियो रिसिवर यूनिट, एम्पलीफायर व अन्य कीमती उपकरण निकाल लेते थे। घटना स्थल पर जाने के लिए आसिफ अपनी गाडी वैगन-आर देता था। उसी गाडी में रखकर यह लोग चोरी किया गया सामान लाकर आसिफ, वसीम व शहबाज कबाडियों को दे देते थे।  जिन्हे ये लोग मुस्तफाबाद दिल्ली के कबाडी जियाजु व जीशान को, वसीम के भाई मोहसिन के माध्यम से बेंच देते थे। जो भी पैसा मिलता है उसे आपस में बांट लेते थे। इस चोरी के माल को बेचने से हुई आमदनी से अपने शौक व खर्चे पूरे करते थे।  कन्हैया, शहबाज पूर्व में भी चोरी के मामले में जेल जा चुके है। जिनके खिलाफ 10-10 मुकदमे दर्ज है।