भ्रष्टाचार में सस्पेंड डीआईजी का इस्तीफा

अब किसानों की लड़ाई लड़ेंगे लखमिंदर सिंह

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्षरत किसानों के समर्थन में अब सरकारी अधिकारी भी मैदान में उतर आए हैं। इसी कड़ी में पंजाब के निलंबित डीआईजी (जेल) लखमिंदर सिंह जाखड़ ने एकाएक इस्तीफा दे दिया है। वह अब कैदियों की निगरानी करने की बजाए किसानों की पैरोकारी करेंगे। डीआईजी (जेल) जाखड़ ने रविवार को इस्तीफा दिया। उन्होंने पंजाब के प्रधान सचिव को पत्र लिखा है। पत्र में कहा है कि उन्हें समय पूर्व सेवानिवृत्त माना जाए। जाखड़ ने कहा कि वह अपने किसान भाइयों के साथ खड़ा होना चाहते हैं, जो कृषि कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं। जाखड़ को रिश्वतखोरी के आरोप में कुछ माह पहले सस्पेंड कर दिया गया था। उन पर जेल अफसरों से महीने के हिसाब से रुपए लेने के आरोप हैं। उनके विरूद्ध विभागीय जांच भी चल रही है। उधर, किसान आंदोलन का आज 18वां दिन है। राजस्थान के शाहजहांपुर में हरियाणा बॉर्डर के पास किसानों ने हंगामा किया। प्रदर्शनकारियों ने यातायात बाधित कर नारेबाजी की। प्रदर्शन के कारण दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित हो गया। इसके बाद पुलिस ने बहरोड से वाहनों को डायवर्ट कर दिया। किसानों ने तीनों कृषि कानूनों को तत्काल वापस लेने की मांग की। उधर, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश ने आज दिल्ली में किसान आंदोलन के संबंध में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। दोनों मंत्रियों ने शाह को आंदोलन की मौजूदा स्थिति से भी अवगत कराया है। बता दें कि नए कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 18 दिनों से किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालने, उपवास रखने का भी ऐलान किया है। किसान आंदोलन को विभिन्न राजनीतिक दलों का समर्थन मिल रहा है। आम आदमी पार्टी (आप) ने भी किसानों के पक्ष में उपवास रखने की घोषणा की है। गतिरोध बढऩे से सरकार की मुश्किलें कम नहीं हो सकी हैं। किसानों के तीखे तेवरों के बावजूद सरकार ने कृषि कानून वापस लेने से साफ इंकार कर दिया है।