पाकिस्तान में 3 माह में चुनाव कराने से निर्वाचन आयोग ने खड़े किए हाथ

नई दिल्ली। पाकिस्तान में गहराए सियासी संकट के बीच निर्वाचन आयोग की मजबूरी भी सामने आ गई है। महज 3 माह के भीतर आम चुनाव संपन्न कराने से निर्वाचन आयोग ने हाथ खड़े कर दिए हैं। आयोग का कहना है कि इतने कम समय में यह काम संभव नहीं है। दोबारा चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग को कम से कम छह माह का समय चाहिए। ऐसे में प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें बढ़ना तय हैं। पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

कार्यवाहक पीएम की नियुक्ति होने तक वह इस सीट पर बने रहेंगे। कुर्सी बचाने के लिए इमरान खान भरसक कोशिश कर रहे हैं, मगर समस्या उतनी बढ़ती दिखाई दे रही है। पीएम इमरान की सिफारिश पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था। पाकिस्तान सचिवालय ने इमरान खान को पीएम पद से हटा दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) मोईद यूसुफ भी त्याग पत्र दे चुके हैं। ऐसे में इमरान खान की पार्टी 3 माह के भीतर चुनाव कराना चाहती है, मगर ऐसा संभव नजर नहीं आ रहा है।

दरअसल पाकिस्तान में चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने तीन माह के भीतर चुनाव कराने में असमर्थता जताई है। पाकिस्तानी अखबार डॉन ने चुनाव आयोग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से जानकारी दी है कि अगस्त 2023 में आम चुनाव होते, मगर राजनीतिक संकट की वजह से सदन डेढ़ साल पहले ही भंग हो चुका है। पुन: चुनाव कराने के लिए कम से कम 6 माह का समय लगेगा। चुनाव आयोग का कहना है कि इतने कम समय में चुनाव कराना बेहद मुश्किल है। इसमें न सिर्फ संवैधानिक चुनौतियां हैं, बल्कि चुनावी सामग्री का प्रबंध करना और परिसीमन से जुड़ी दिक्कतें भी हैं। नए सिरे से निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन किया जाना है।