नगर निगम में अध्यक्ष के खिलाफ कर्मचारियों ने खोला मोर्चा, अध्यक्ष बोले अज्ञानता और राजनीति कर रहे हैं कुछ लोग

नगर निगम कर्मचारियों के डीपीसी को लेकर मचा है घमासान, कर्मचारियों के एक गुट ने नगरायुक्त को भेजा पत्र नैन सिंह को डीपीसी कमेटी से हटाने की मांग पर अड़े। नैन सिंह ने कहा कि मैं कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं। कर्मचारियों ने मुझे अपना अध्यक्ष चुना है। मैं कर्मचारियों के हित के लिए काम करता आया हूं और आगे भी काम करता रहूंगा। 

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। नगर निगम कर्मचारियों के प्रमोशन के मुद्दे पर इन दिनों घमासान मचा हुआ है। डीपीसी में वरिष्ठता सूची को लेकर उठे विवाद के बाद अब डीपीसी कमेटी में नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नैन सिंह को रखे जाने पर विरोध शुरू हो गया है। कर्मचारियों ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि नैन सिंह का रवैया कर्मचारियों का विरोधी वाला रहा है। डीपीसी की वरिष्ठ सूची में नैन सिंह के कहने पर ही नियम विपरीत चार लोगों के नाम डाले गये हैं और अब डीपीसी कमेटी का सदस्य बनाये जाने के बाद वह और गड़बड़ी करेंगे। कर्मचारियों ने इस बाबत नगरायुक्त को पत्र भेजकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। उधर, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नैन सिंह ने इन सभी आरोपों को बकवास बताते हुए कुछ कर्मचारियों पर राजनीति से प्रेरित होकर डीपीसी प्रक्रिया की राह में व्यवधान डालने का आरोप लगाया है।

विदित हो कि नगर निगम में कर्मचारियों के रिक्त पड़े पदों पर पदोन्नति के लिए डीपीसी प्रक्रिया चल रही है। पिछले दिनों डीपीसी की वरिष्ठता सूची को लेकर आरोप लगाया गया था कि वरिष्ठता सूची में टॉप-4 में ऐसे लोगों के नाम डाले गये हैं जो नियमानुसार पात्र नहीं हैं। आरोप यह लगाया गया कि इन सभी लोगों के नाम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नैन सिंह के दवाब में डाले गये हैं। डीपीसी कमेटी में नैन सिंह को मेंबर बनाया गया है। अब कर्मचारी इसके विरोध में आ गये हैं। निगम कर्मचारी कांता त्यागी, वंदना शर्मा, गौरव आदि कर्मचारियों ने नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर को पत्र लिखकर डीपीसी कमेटी से नैन सिंह को हटाने की मांग की है। नगर आयुक्त को लिखे पत्र में बताया गया कि हाल ही में नगर निगम कर्मचारियों की प्रोनत्ति के लिए एक कमेटी बनाई गई है। जिसकी प्रक्रिया दिनांक 26 जून को इसी वर्ष शुरू हुई। प्रमोशन के लिए जारी वरिष्ठता सूची के आधार पर नगर निगम ने पन्द्रह दिनों तक आपत्तियां मांगी थी। आठ जुलाई को आपत्ति दर्ज कराने का समय पूरा हो चुका है। मगर आपत्तियों का समय पूरा होने से एक दिन पहले नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नैन सिंह को समिति का सदस्य बनाया गया। इसी बात को लेकर कर्मचारियों का विरोध शुरू हो गया है।

नगर आयुक्त को लिखे पत्र में कर्मचारियों ने आशंका जताई है कि इससे नैन सिंह को सदस्य बनाये जाने से कर्मचारियों का हित प्रभावित हो सकता है। कर्मचारियों का कहना है कि एक कर्मचारी को डीपीसी का सदस्य नहीं बनाया जा सकता है। निगम कर्मचारी गौरव ने नैन सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले वरिष्ठता सूची में नैन सिंह के दवाब में क्रम संख्या 1 से 4 तक गलत तरीके से नाम अंकित किए गए हैं और अब उन्हें डीपीसी कमेटी में रखा गया है। नैन सिंह का रवैया कर्मचारियों के हितों के खिलाफ रहा है और मुझे सस्पेंड कराने की धमकी दी जा रही है।

उधर, इन सभी आरोपों को नकारते हुए नैन सिंह ने निगम के कुछ कर्मचारियों पर बेवजह की राजनीति करने और कर्मचारियों की डीपीसी प्रक्रिया को बाधित करने का आरोप लगाया है। नैन सिंह ने कहा कि मैं कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं। कर्मचारियों ने मुझे अपना अध्यक्ष चुना है। मैं कर्मचारियों के हित के लिए काम करता आया हूं और आगे भी काम करता रहूंगा। डीपीसी में मैं प्रथम श्रेणी लिपिक के तौर पर शामिल हुआ हूं। डीपीसी प्रथम श्रेणी लीपिक कराते हैं और वर्तमान में अधिष्ठान विभाग में कोई प्रथम श्रेणी लीपिक नहीं है। इस कारण प्रथम श्रेणी लिपिक के तौर पर मुझे रखा गया है। जिन लोगों को डीपीसी और अधिष्ठान का ज्ञान नहीं है वह इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। डीपीसी नियमानुसार और ईमानदारी के साथ होगी। पूर्व में भी मैं डीपीसी की प्रक्रिया में रहा हूं। वर्ष 2014 में हुए डीपीसी में भी मुझे तत्कालीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हरेंद्र नागर एवं निगम अधिकारियों के अनुरोध पर रखा गया है। राजनीति करने वाले कर्मचारी कुछ लोगों को मोहरा बनाकर इस तरह के आरोप लगा रहे हैं।