बार, रेस्टोरेंट व शराब की दुकानों का आबकारी अधिकारी ने किया निरीक्षण

शराब विक्रेताओं को ऑनलाइन पेमेंट को बढ़ावा देने के दिए निर्देश

गौतमबुद्ध नगर। जनपद में ओवर रेटिंग की समस्या के निस्तारण के लिए जिला आबकारी अधिकारी डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दे रहे है। डिजिटल भुगतान से जहां काफी हद तक ओवर रेटिंग की शिकायतों पर रोक लगेगी। वहीं ओवर रेटिंग के दौरान शराब की दुकानों पर होने वाले झगड़े भी समाप्त होंगे। अक्सर ओवर रेटिंग को लेकर कुछ ग्राहक दुकानों के बाहर लगे फ्लेक्स बोर्ड पर अधिकारी को शिकायत कर देते है और कुछ विक्रेता के साथ मारपीट करते है। विक्रेता की मनमानी पर रोक लगाने के लिए आबकारी अधिकारी ने जिले में संचालित सभी विक्रेताओं को अधिक से अधिक ऑनलाइन पेमेंट का प्रयोग करने के निर्देश दिए है। साथ ही पीओएस मशीन के माध्यम से अधिक से अधिक बिक्री करने के भी निर्देश दिए है। आबकारी अधिकारी के इस प्रयास से जिले में कई विक्रेताओं ने ऑनलाइन पेमेंट लेना भी शुरु कर दिया है। मगर कुछ दुकानदार आज भी वहीं पुराने तौर तरीके से कार्य कर रहे हंै।

रविवार रात को जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने आबकारी निरीक्षक क्षेत्र-5 चंद्रशेखर सिंह व आबकारी निरीक्षक क्षेत्र-2 रवि जायसवाल के साथ सेक्टर-142 थाना स्थित एडवेंट नेविस बिजनेस पार्क स्थिर बार अनुज्ञापनों फ्लॉंट बाय ड्यूटीफ्री, टॉयबॉय बियर कैफे, रूबरू नॉट जस्ट इण्डियन आदि का निरीक्षण किया। आबकारी अधिकारी के निरीक्षण बार में हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि बिना लाइसेंस और बाहरी राज्यों का शराब बिल्कुल भी प्रयोग न किया जाए। अगर शिकायत मिली तो लाइसेंस निरस्त करने के साथ-साथ जेल भेजने की भी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही आबकारी टीमों द्वारा देशी, विदेशी, बियर दुकानों व मॉडल शॉप का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिला आबकारी अधिकारी द्वारा अनुज्ञापियों को अधिक से अधिक ऑनलाइन माध्यमों पर पेमेंट लेने व ऑनलाइन पेमेंट के सभी माध्यमों का प्रयोग करने के निर्देश दिए।

पीओएस मशीन के माध्यम से अधिक से अधिक बिक्री के लिए विक्रेताओं को हिदायत दी गई। साथ ही चेतावनी दी अगर किसी दुकान के विक्रेता द्वारा जानबूझकर पीओएस मशीन से विक्रय नहीं किया गया है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं आबकारी निरीक्षक क्षेत्र 3 शिखा ठाकुर की टीम द्वारा नंगली वाजिदपुर, सेक्टर 135, छपरौली स्थित देशी शराब, विदेशी मदिरा एवं बियर दुकानों, कैंटीन की जांच की गई। सभी दुकानों पर नियमों को सुनिश्चित कराने के साथ ही दुकानों पर गोपनीय टेस्ट परचेज कराया गया। जहां किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं पाई गई। वहीं आबकारी निरीक्षक क्षेत्र-7 आशीष पाण्डेय की टीम द्वारा हाइवे पर वाहनों की चेकिंग की गई।

चौकीदारों को अवैध शराब की सूचना देने के साथ जागरुक करने के दिए निर्देश

अवैध शराब को लेकर जिले में चलाएं जा रहे विशेष प्रवर्तन अभियान के तहत आबकारी विभाग की टीम द्वारा शराब तस्करों के संबंधित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। साथ ही अवैध शराब के कारोबार को खत्म करने के लिए चौकीदार, ग्राम प्रधानों का भी सहारा लिया जा रहा है। क्योंकि गांव के चौकीदार और ग्राम प्रधान गांव के दाई होते है। जिन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली हर गतिविधियों की जानकारी होती है। जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में रविवार देर शाम को जेवर तहसील स्थित कासना थाने पर आबकारी निरीक्षक सर्किल-6 नामवर सिंह एवं थानाध्यक्ष कासना की उपस्थिति में कासना थाना अंतर्गत आने वाले ग्रामों के  ग्राम प्रधान एवं चौकीदारों के साथ बैठक की गई।
आबकारी निरीक्षक सर्किल-6 नामवर सिंह ने बताया जिला आबकारी के नेतृत्व में अवैध शराब के कारोबार को खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है।

बैठक में ग्राम प्रधानों और चौकीदारों को निर्देश दिए गए कि अवैध शराब से संबंधित किसी भी तरह की जानकारी प्राप्त होने पर आबकारी विभाग को तुरंत सूचित करें। सभी चौकीदारों को आबकारी निरीक्षक का मोबाइल नंबर देते हुए यह भी सुनिश्चित किया गया कि बीट के सिपाही के साथ समय-समय पर खाली पड़े मकानों, संदिग्ध स्थलों पर निरीक्षण करें। गांव से संबंधित किसी भी व्यक्ति की अवैध शराब के कारोबार में संलिप्तता मिलने पर इसकी सूचना आबकारी विभाग एवं पुलिस को दें। अवैध शराब,  बंद मकानों में अवैध शराब से संबंधित किसी भी तरह की सूचना देने वाले का नाम व पता पूरी तरह से गुप्त रखा जाएगा। सभी ग्राम प्रधानों एवं चौकीदारों को कहा गया कि उनके गांव के बॉर्डर पर स्थित अन्य जिले से भी होने वाली अवैध शराब से संबंधित की पूरी जानकारी रखें। बैठक के उपरांत कासना, सिरसा, नट की मड़ैया स्थित दुकानों का औचक निरीक्षण किया गया। उन्होंने कहा आप सभी के सहयोग से ही आपके गांवों को अवैध शराब के कारोबार को मुक्त किया जा सकता है। विभाग समय-समय पर कार्रवाई तो करता है। मगर कभी-कभी पुख्ता जानकारी न होने के कारण कार्रवाई नहीं हो पाती, इसलिए अवैध शराब के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम में अपना सहयोग दें।