सीईओ एनजी रवि कुमार की किसान फ्रेंडली नीति: गांवों में किसानों के लिए लगाये जा रहे हैं कैंप हैबतपुर गांव में 50 से अधिक किसानों ने दिए कागजात

उदय भूमि ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। सीईओ एनजी रवि कुमार की किसान फ्रेंडली नीति पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में अमल शुरू हो गया है। किसानों को प्राधिकरण कार्यालय के चक्कर ना काटना पड़े इसके लिए गांवों में कैंप लगाकर उनकी समस्याओं का निस्तारण किया जा रहा है। किसानों की छह फीसदी भूखंड प्राप्त करने की पात्रता तय करने के लिए बृहस्पतिवार को हैबतपुर गांव में शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें 50 से अधिक किसानों ने शिविर में आकर अपनी पात्रता निर्धारित करने से जुड़े दस्तावेज सौंपे। प्राधिकरण इनकी पात्रता तय करते हुए भूखंड आवंटित करेगा। प्राधिकरण जल्द ही अन्य गांवों में भी शिविर लगाने के लिए शेड्यूल जारी करेगा। इसके साथ ही इस शिविर में एसआईटी जांच के बाद प्राप्त सही प्रकरणों में लीज बैक करने के लिए किसानों ने आवेदन किए। सीईओ के इस निर्णय ने किसानों की परेशानियों को कम करते हुए उन्हें खुश होने का मौका दिया है।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण विकास परियोजनाओं के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित करता है और उसके एवज में प्राधिकरण की तरफ से कुल अधिग्रहित जमीन का 06 फीसदी हिस्सा विकसित करके किसानों को देता है। इसकी पात्रता तय करने के लिए किसानों को प्राधिकरण आना पड़ता है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने किसानों को सुविधा प्रदान करते हुए छह फीसदी भूखंड प्राप्त करने की पात्रता तय करने के लिए गांवों में ही शिविर लगाने के निर्देश दिए हैं। दरअसल एनजी रवि कुमार का मानना है कि प्राधिकरण की विकास योजनाओं में सबसे बड़ा योगदान किसानों का होता है।

ऐसे में जो किसान अपनी जमीन दे रहे हैं उन्हें किसी प्रकार की परेशानी ना हो। सीईओ के निर्देशों के क्रम में प्राधिकरण ने बृहस्पतिवार को हैबतपुर गांव में शिविर लगाया। प्राधिकरण के ओएसडी हिमांशु वर्मा की अगुवाई में भूलेख विभाग और परियोजना विभाग के वर्क सर्किल की टीम सुबह करीब 11 बजे से हैबतपुर गांव पहुंच गई। टीम ने शिविर में आने वाले 50 से अधिक किसानों के छह फीसदी भूखंड के कागजात प्राप्त किए। शिविर में ही लीज बैक के सही प्रकरणों के आवेदन भी प्राप्त किए गए। किसानों ने गांवों में ही शिविर लगवाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सीईओ के पहल की सराहना की है। इस शिविर में गांव से जुड़ी अन्य शिकायतों को भी सुना गया। उनको निस्तारित करने का आष्वासन दिया गया है।